मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

शनिवार, 16 जनवरी 2021

श्री शेलेन्द्र झा

 

श्री शेलेन्द्र झा

नेनाक बहुत रास बातसभ बिसरा जाइत छैक । कैकबेर किछु प्रसंग आधा-छिधा मोन रहि जाइत छैक । सएह बात भेल ओहि दिन जखन शल्लुजीसँ गप्प करैत काल नेनामे चारिगोटे द्वारा टांगि कए ब्रह्मस्थानक इसकूल जेबाक हम चर्च केलहुँ । हम इसकूल नहि गेलहुँ तँ बच्चू मास्टर साहेब(स्वर्गीय अदिष्ट नारायण झा) हमरा पकड़ि कए इसकूल अनबाक हेतु चारिटा विद्यार्थीकेँ पठओने रहथि । हमरा अखनो मोन पड़ैत अछि जे हुनकासभकेँ देखि कए हम केराबारीमे नुका गेल रही । तथापि ओ सभ मानलथि नहि, हमरा टांगि कए इसकूल लइए गेलाह । रस्तामे केओ-केओ हमरा बिठुआ सेहो कटैत रहल । शल्लुजी ओहिदिन कहलाह जे ओहो ओहि चारिगोटेमेसँ इकटा छलाह । यद्यपि ई घटना हमरा मोने अछि मुदा चारूगोटे के सभ रहथि से बिसरा गेल ।

गाममे हमर घरसँ हुनकर घर कनीके फटकी छल । नेनामे खेल-धूप करैत हमसभ अबैत-जाइत रहलहुँ । नेनामे ओ बहुत नीक गबैत छलाह ।  हमरा हखनो मोन पड़ैत अछि जे कैकबेर लोकसभ हुनका गीत गेबाक हेतु दुराग्रह करथि। आला -आला दिल ले गया...ई गीत ओ कैकबेर गबैत रहैत छलाह । शल्लुजी मिडिल इसकूलमे पाँचमासँ सातमा धरि हमरा संगे रहथि । तकरबाद ओ रहिका उच्च विद्यालयमे चलि गेलाह आ हम एकतारा चलि गेलहुँ । मुदा प्री- युनीभर्सीटीमे फेर एकसाल हमसभ संग भए गेल रही । तकरबाद हम सी.एम.कालेज दरभंगा चलि गेलहुँ ।

शल्लुजीक दूटा बिआह भेलनि । प्रथम बिआह भच्छी गाममे भेल रहनि । ओहिमे एकटा पुत्र छनि । संयोग एहन भेल जे ओहि पुत्रक जन्मक समयमे हुनकर पत्नीक देहावसान गामेमे भए गेलनि । कहि नहि उचित चिकित्सा ओतए उपलव्ध भए सकल कि नहि? हम आ लालबच्चा भच्छी बरिआती गेल रही । ओहि समयमे दू-दिना बरिआती होइत छलैक । भोरमे टहलैत-टहलैत बरिआतीसभ बाधमे बहुत आगु धरि चलि गेल रहथि । बरिआतीक स्वागत बहुत नीकसँ कएल गेल रहए । अखनो ओ दृश्यसभ हमर मोनमे अबैत रहैत अछि ।

पहिल पत्नीक देहावसानक बाद हुनकर दोसर बिआह नवकरही भेल रहए । हम ओतहु बरिआतीमे गेल रही । बरिआतीमे हम जबरदस्त हँसीठठ्ठा करैत रही जे देखि खट्टर मास्टर साहेब बहुत आश्चर्यमे रहथि । माहौल बहुत आनंदमयी छल । लाउस्पीकरमे राति भरि गीत बजैत रहल ….

ओ गीत अखनहुँ कहिओ काल हमर कानमे गुंजित होइत रहैत अछि । दोसर बिआहसँ हुनका एकटा पुत्र आ दूटा कन्या भेलनि । सभसँ नीक बात ई भेल जे हुनकर पहिल संतानक सेहो बहुत नीकसँ पालन-पिषण कएल गेल । ओ उच्च शिक्षा प्राप्त कए जीवनमे नीकसँ स्थापित भेल छथि । हुनकर आन संतनासभ तँ सुशिक्षित आ जीवनमे नीकसँ व्यवस्थित छथिहे ।

व्यक्तिगत रूपसँ सल्लूजी बहुत अध्यात्मिक स्वभावक छथि । जीवनमे सादगी आ इमानदारीक पालन करैत सफल गृहस्थ रहल छथि ।मुम्बईमे अपन फ्लैट छनि । गाममे सेहो घर बनओने छथि । मुदा गामसँ आबाजाही आब कम भेल जा रहल छनि । पहिने तँ ओ लगपासक ककरो बिआह-दान होइ तँ गाम अवश्य जाइत छलाह ।

नौकरी करबाकक क्रममे ओ मुंबइ चलि गेलाह । तकरबाद ४७ सालसँ ओ ओतहि रमल छथि । मुम्बईमे ओ सरकारी काटन कंपनीमे बहुतदिन धरि ला आफीसर छलाह ।  सेवानिवृत्तिक बादो ओ कैकसाल धरि कानूनी सलाहकारक रूपमे ओही कंपनीमे काज करैत रहलाह । मुम्बई गेलाक बाद ओ अपन परिवारमे भाइ लोकनिक शिक्षामे बहुत मदति केलनि । कतेकोगोटेकेँ मुम्बईमे नौकरी धरओलनि । मुंबइक मैथिल समाजसँ सभदिन जुड़ल रहलाह ।

 

४७ सालसँ ओ मुम्बईमे छथि । हमहु गामसँ बाहरे-बाहरे छी ।  ओ मुंबईमे बसि गेल छथि आ हम ग्रेटर नोएडामे । मुदा हमरा लोकनिक संपर्क बनले अछि । फरीदाबादमे ३१ जनबरी २०१४क हुनकर कन्याक बिआह भेल रहनि । हमहु कन्यागत दिससँ ओहिमे भाग लेने रही । ओहि समयमे हुनकासँ भेंट भेल छल । ताहिसँ पहिनो आ बादोमे एकाध बेर हुनकासँ दिल्लीमे भेंट भेल । एकाध बेर गामोमे संगे पहुँचल रही । मुदा बहुत दिनसँ हुनकासँ भेंट नहि भेल अछि । तथापि फोन आइ-काल्हि संपर्कक बड़का साधन भए गेल छैक । तेँ हमसभ निरंतर संपर्कमे छी । एहन उपकारी आ सहृदय व्यक्तिक मित्रतापर ककरो गौरव भए सकैत छैक । ताहि हिसाबे हम जरूर भाग्यवान छी ।

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