बेनामी
संपत्ति कानून
बहुधा ई
देखल जाइत अछि जे कदाचार कए बहुत रास धन -संपत्ति
संग्रह करएबला व्यक्ति अपनाकेँ कानूनी दाव-पेवचसँ बचेबाक हेतु तरह-तरहक व्योंत
कए लैत छथि । परिणाम होइत अछि जे सरकारी व्यवस्था एहन लोकक किछु नहि बिगारि पबैत अछि
। एहन लोक समाजमे पूर्ण सम्मानक संग मोंछपर ताव दैत जीवन-यापनेटा नहि करैत छथि अपितु
दोसरकेँ छोट कहबाक कोनो अवसर हाथसँ नहि जाइत छथि । एहने लोक कोनो सामाजिक धार्मिक काजमे
सबसँ बेसी चंदा दैत छथि,माए-बापक श्राद्धमे जबार के कहए पूरा परिपट्टाकेँ भोज खुअबै छथि । कोनो मंदिर बनेबाक
होइक,वा पूरान मंदिरकेँ जीर्णोद्धार करक होइक तँ ओ सभसँ बेसी टाका चंदा दए अपनाकेँ सम्मानित
करैत छथि । मुदा सबाल अछि जे एतेक टाका हुनका अबैत छनि कतएसँ? जाहिर बात
अछि जे कोनो-ने-कोन बैमान-सैतानी केनहि एतेक धन भए सकैत अछि,खास कए नौकरी
पेशाबला लोककेँ जकर दरमाहा बान्हल छैक,अकूत संपत्ति कतएसँ भए सकैछ,मुदा कैगोटाकेँ
से भए जाइत छैक । कै बेर एहन समाचार पढ़ैत छी जे काज चपरासीक कए रहल अछि आ करोड़ोंकेँ
मकान,सोनाक गहना,आदि-आदि जमा केने रहैत अछि । निश्चय एहन लोकक संख्या कम होइत अछि मुदा होइते अछि
से कोना? कानूनी प्रकृयाकेँ ओसभ कोनो परबाह नहि करैत
अपन काजमे लागल रहैत छथि आ जँ कहिओ छापा पड़ल
तखन भोम्हार निकलैत अछि । ओ व्यक्ति जहल जाइत छथि,नौकरीसँ हटाओल जाइत छथि,मुदा एहन मामिला कमे होइत अछि । ओहो
सामान्यतः विभागमे अन्तर्विरोधक कारणे होइत अछि । सरकार एहि समस्याकेँ कोना की करए-ताहि
विषयपर चिंतन होइत रहल आ हालेमे निर्णय लेल
गेल जे बेनामी संपत्ति कानून १९८८केँ संशोधित कए एकरा फेरसँ परिभाषित कएल जाए संगहि एहन व्यक्तिक बेनामी संपत्तिकेँ जब्त करबाक एवम्
अपराध सिद्ध भेलापर ओकरा पर्याप्त दंड देबाक
व्यवस्था सेहो एह संशोधित कानूनक मार्फत कएल गेल ।
जाहि संपत्तिक
हेतु टाका किओ दैत छथि आ संपत्तिक कागजमे नाओँ ककरो आनक जेना बेटा,भाए,बहिन आदिक
किंवा नौकर-चाकर वा किओ विश्वस्त लोकक रहैछ तँ ओकरा बेनामी संपत्ति कहल जाइत अछि ।
जे व्यक्ति से करैछ तिनका बेनामीदार कहल जाइछ। सबाल अछि जे किओ एना किएक करैछ? असलमे ई
काजसभ ओएह करैछ जिनका बैमानीक कमाइ रहैत छनि । ओ अपन आयक स्रोत नहि बतबैत छथि आ टैक्स
सेहो बचा जाइत छथि । उदाहरणस्वरूप ,कै बेर सरकारी अधिकारी कदाचार कए
अकूत धन जमा कए लैत छथि । विभागीय जाँचमे पकड़ाथि नहि ताहि हेतु कागजमे पत्नी,बेटा वा
ककरो अनकर नाओँ देने रहैत छथि । आब जे कानूनमे संशोधन भेल अछि तकर बाद एहन बैमान लोकसभकेँ
बचनाइ मोसकिल भए गेल अछि । संपत्ति संगे ओकर आयक स्रोत जँ स्पष्ट नहि होइत अछि तँ सरकार
एहन संपत्तिकेँ जव्त कए सकैत अछि, संगहि ओहि व्यक्तिकेँ दंडित सेहो
कएल जा सकैत अछि ।
बेनामी लेनदेन
(निषेध) संशोधन अधिनियम,
2016 लागू भेलाक बाद एहन लोकपर कारबाइ आसान भेल अछि जे अनकर नामे
संपत्तिक क्रय-विक्रय करैत छथि । एहि कानूनकेँ लागू भेलाक बाद जौँ किओ बेनामीदार बेनामी
संपत्तिकेँ ओकर असली मालिकक नामे बेचैत अछि तँ संपत्तिक ओ हस्तांतरण खारिज भए जाएत
। संशोधित कानूनक अनुसार बेनामी संपत्ति अर्जित केनिहारकेँ सात साल धरिक जहल आ बेनामी
संपत्तिक बाजार मूल्यक चौथाइ जुर्मानाक रूपमे देबए पड़ि सकैत अछि । कोनो गलत जानकारी वा दस्तावेज
देलापर पाँचसाल धरि सश्रम कारावास आ संपत्तिक दस प्रतिशत धरि जुर्माना भए सकैत अछि
।हिनदु अभिवाजित परिवारक कर्त्ता द्वारा परिवारक सदस्य हेतु कीनल गेल संपत्ति,कोनो ट्रस्ट
आदि हेतु ओकर प्रवंधकक नाओँसँ लेल गेल संपत्ति एहि कानूनक प्रावधानसँ मुक्त राखल गेल
अछि , मुदा ताहि हेतु ई जरुरी अछि जे लेन-देनक हेतु आमदनीक स्रोत ज्ञात
होइ ।
बेनामी संपत्तिमे
सामान्यतः अवैध रूपसँ कमाएल टाका लगाओल जाइत अछि जाहिसँ ओकरा कर नहि देबए पड़ैक आ ओकर
अनैतिक धनोपार्जनपर लोकक वा सरकारक ध्यान नहि जाइक । ई काज ओ सभ बहुत सावधानीसँ आ फर्जी
कागजात बना कए करैत छथि । तैँ एहन लोककेँ पकड़नाइ बहुत कठिन काज अछि। बेनामी संपत्तिक
क्रय-विक्रय केनिहार व्यक्तिकेँ तकनाइ आ ओकरापर आवश्यक कानूनी कार्रवाई केनाइ मोसकिल
काज साबित भए रहल अछि । ताहि हेतु आब ई विचार भए रहल अछि जे संपत्तिक क्रय-विक्रयक
समस्त प्रकृयासँ आधार संख्याकेँ जोड़ल जाए । ताहिसँ संपत्तिक असली मालिकक पता लागि
जाएत। जौँ संपत्ति बेनामी अछि तँ तकर जानकारी सेहो भेटत । मानि लिअ जे किओ अपन नौकर-चाकरक
नाओँसँ संपत्तिक लिखा-पढ़ी करैत छथि तँ ओकर नाओँ धर दए पकड़ा जाएत । तखन इहो पता लगाएब
आसान भए जाएत जे ओकरा ओहि संपत्ति कीनबाक हेतु टाका के देलक,ओकर आयक
श्रोत की अछि ?
एहि कानूनक
बनलाक बाद संपत्तिक लेनदेनमे पार्दर्शिता आएत। गलत तरीकासँ उपार्जित संपत्तिकेँ नुकाएब
वा ककरो आनक नाओँमे कागज बना कए टैक्सक चोरी करब मोसकिल भए जाएत । संगहि असली मालिकक
नाओँमे संपत्तिक निवंधन भेलासँ हेराफेरीक संभावना कमत । निश्चय ई कानून रियल एस्टेट
क्षेत्रमे समग्र आत्मविश्वासमे सुधार दिस एकटा प्रगतिगामी प्रयास अछि ।
यद्यपि बेनामी
संपत्ति कानूनक धार मजगूत कए देल गेल अछि मुदा असल समस्या तँ ई अछि जे बेनामी संपत्तिक
असली मालिकक जानकारी किओ नहि देबए चाहैत अछि । किओ एहि झमेलामे किएक पड़त? विभागसँ जानकारी देनिहारक नाओँ पता लगा कए बदमाससभ ओकर जानो
लए सकैत अछि । एहि डरसँ किओ जानकारी नहि दैत अछि । एहि परिस्थितिसँ बँचबाक हेतु सरकार
जानकारी देनिहारकेँ एक कड़ोर धरि इनाम देबाक घोषणा सेहो केलक अछि ।
हालेमे आयकर
विभाग द्वारा देल गेल जानकारीक अनुसार बेनामी लेनदेन(निषेध)अधिनियममे नबंबर २०१६मे भेल संशोधनक बाद लगभग सात हजार करोढ़क बेनामी संपत्ति
जब्त कएल गेल अछि । एहिसँ ई अनुमान लगाओल जा सकैत अछि जे बेनामी संपत्तिक मालिकसभ एखनो
कानूनी प्रकृयासँ बचि रहल छथि। तकर मूल कारण बेनामी संपत्तिक पता लगाएब थिक । जमीन
-जायदादक रेकार्ड ऐखनधरि सही तरहसँ उपलव्धो नहि अछि । ताहि हेतु जरूरी अछि जे सभटा
रेकार्डक कम्युटरीकरण कएल जाए । भ्रष्टाचारपर तखने अंकुश लागि सकैत अछि जखन कि चल-अचल
संपत्तिक छानबीन आसान होइ । बेनामी संपत्तिसँ संवंधित मामलामे ई देखल गेल अछि जे सामान्यतः
एहने लोक आयकर विभागक चाङुरमे फँसैत अछि जे कोनो घपला-गोटालामे फँसि गेल हो । बेनामी
संपत्तिसँ जुड़ल तमाम लोक राजनीति आ नौकरशाहीमे उच्च स्थान रखैत छथि आ जेना-तेना अपन नाजायज धनकेँ बेनामी संपत्तिक रूपमे
ठेकाना लगाबएमे सफल रहैत छथि ।
बेनामी लेनदेन(निषेध)अधिनियाम २०१६मे न्यायाधिकरणक स्थापनाक
प्रावधान अछि जे एखन धरि कागजेमे समेटल अछि जाहि कारणसँ बेनामी संपत्तिसँ जुड़ल मामलाक
शीघ्रतासँ सुनबाइ नहि भए पबैत अछि। ऐखन एखन एहन मामलाक सुनबाइ मनी लांड्रींग निरोधक
कानून संबंधी प्राधिकरण करैत हछि जे पहिनहिसँ बहुत व्यस्त अछि ।