मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

शुक्रवार, 18 मई 2018

भोरसँ साँझ धरिक भूमिका


भोरसँ साँझ धरि भूमिका

१२ नवम्बर २०१६ (कार्तिक शुक्‍ल त्रयोदशी)क साँझ सात बजे हमर वयोवृद्ध चौरानबे वर्षीय माता दयाकाशी देवीक देहावसान भए गेल। ओ जाँघक हड्डी टुटि गेलाक कारण पछिला दू बर्खसँ कष्टमे छली। नाना प्रकारक उपचार भेल परन्तु ओ पछिला तीन माससँ लगातार गड़बड़ाइते गेली आ अन्ततोगत्वा कालक अपराजेय हाथे हुनक प्राण देह छोड़ि देलक। ओहि समयमे हमहूँ ओहीठाम रही। हुनकर देहावसानक बाद मोन ततेक दुखी ओ अशान्त भए गेल जकर वर्णन असम्भव। लगभग चारि मास धरि राति-राति भरि निन्न नहि भेल।  
कहिओ काल भोरुपहरमे आँखि लगैत छल, ओहो थोड़बे कालक लेल। सगर राति ओहिना माने टकटकीए-मे...। सम्पूर्ण दिनचर्या अस्तव्यस्त भए गेल। निःशव्द रातिमे जागल माथमे बितल बात सभ सिनेमाक रील जकाँ उभरैत रहैत छल। एहन मानसिक स्थितिसँ उवरबामे एहि आलेख सबहक सहारा भेटल। मोनक बात सभ लिखैत गेलहुँ। सालक साल मोनमे गरल बात सभकें निकलबाक रस्ता भेटलैक।   
शुरूक २५-२६ वर्ष हम गामेमे वा गामक आसेपासमे रहलहुँ। पछाति भारत सरकारक केन्‍द्रीय सचिवालय सेवामे नौकरी भेलाक बाद दिल्ली ओ गामक बीच तारतम्य बैसाएब ओ बनौने रहब, क्रमश: कठिन होइत चलि गेल। यद्यपि गामपर पू. माएकेँ रहबाक कारण गाम आबा-जाही निरन्तर बनल रहल।  
ओना, लगभग चालीस बर्खक बाद आब दिल्ली घर जकाँ भए गेल अछि। बच्चा लोकनि अहीठाम छथि। सभ सुविधा अहीठाम अछि, सेवा निवृत्तिक पश्चातो ओहिना व्यस्तता बनले अछि। दिल्लीमे एतेक दिन रहलाक बादो गाम-घरक उद्वेग तऽ अबिते अछि। 
हमर समस्त आलेखक प्रथम पाठक हमर पत्नी श्रीमती आशा मिश्रक एहि साहित्यिक कॄतिमे अभूतपूर्व योगदान अछि। हुनकर निष्पक्ष सुझावसँ बहुत मदति भेटल। प्रत्येक आलेखके ओ ध्यानसँ पढ़लथि एवम् ओहिमे गुणात्मक सुधार केलथि, जाहिसँ एहि आलेख सभकेँ सही दिशा भेटल।  
डा. विनय कुमार चौधरीजी, आर.एम.कॉलेज सहरसाक समाजशास्त्र विभागक प्रोफेसर छथि, हमर अभिन्न मित्र, शुभचिन्तक छथि। सहरसामे रहि कतेको सामाजिक काजसँ जुड़ल छथि। अनेको पोथीक लेखक छथि। हुनकर प्रेरणादायी मार्गदर्शनसँ एहि पुस्तकक प्रकाशनमे बहुत योगदान भेटल।  
श्री उमेश मण्डलजी (बेरमा, निर्मली) घनघोर परिश्रमक संग एहि पुसतकक हस्तलिखित पाण्‍डुलिपि सभक स्वच्छ प्रति प्रस्तुत केलाह। एहि लेल हुनका आशीर्वाद।  

अन्तमे, माता-पिताकेँ हार्दिक श्रर्द्धांजलि एवम्‍ समस्त श्रेष्ठजनकेँ सादर प्रणाम करैत ई पोथी अपने लोकनिक सम्मुख प्रस्तुत करैत अपार हर्ष भए रहल अछि।











रबीन्द्र नारायण मिश्र



ग्रेटर नोएडा



२६.९.२०१७