बिहार शराबबंदी कानून
भारतीय संविधानक धारा
४७मे वर्णित नीति निर्देशक सिद्धांतक
अनुसार राज्य पूर्ण मद्यनिषेधक हेतु प्रयास करत जाहिसँ लोकक जीवनस्तरमे सुधार होएत
। यद्यपि संविधानक ई धारा बाध्यकारी नहि अछि तथापि एतबा तँ स्पष्ट अछि जे मद्य
निषेध किंवा एही तरहक कोनो कानून संविधानक उपरोक्त भावनाक अनुकूल अछि । मुदा व्यवहारिक
कारणसँ देशक अधिकांश भागमे एहन कोनो कानून आइधरि लागू नहि भेल । बिहारमे सेहो ई
कानून बहुत विलंबसँ सन्२०१६मे लागू भेल । मुदा जे कानून बनल से बहुत खोंचाह भए गेल
। अपराध आ दंडमे संतुलन नहि रहि गेल । ई
बात नहि छैक जे एहि कानून बनलाक बाद किछु फाएदा नहि भेलैक । सरेआम शराब पीनाइ वा
नशा करब कम जरूर भेलैक ,मुदा आन-आन समस्यासभ ततेक भए गेलैक जे थोड़बे दिनमे ई कानून एकटा भार भए
गेल ।
बिहारेमे नहि अपितु सौंसे
देशमे एहन कतेको लोक अछि जे शराबक चलते अपन परिवारक भरण-पोषण नीकसँ नहि कए पबैत अछि।
शराब वा कोनो प्रकारक नशा केनिहार व्यक्ति तकर जोगार करबाक हेतु कोनो हद धरि जा
सकैत अछि । ओकरा शराब चाही चाहे जेना होइ । कतेको बेर ई देखल जाइत अछि जे जँ नशेरी
वा शराबीकेँ नशा करबासँ केओ रोकैत अछि तँ ओ हिंसक भए जाइत अछि ,विरोध केनिहार
पारिवारिक सदस्यक हत्या पर्यंत कए दैत अछि । शराबक नशामे नशेरीसभ अपन घरमे झगड़ा करैत
रहैत अछि, अपशब्द तँ बजिते रहैत अछि। एहिसभसँ पारिवारिक माहौल
खराप भए जाइत अछि । नेनासभक पढ़ाइ-लिखाइ चौपट भए जाइत छैक, ओकरसभक विकासपर
प्रतिकूल प्रभाव पड़ैत अछि । हमर अधीनस्त एकटा कर्मचारी अपन खिस्सा कहलाह जे हुनकर
पिता बहुत अधिक शराबक सेवन करैत छलाह । नशा चढ़ि गेलाक बाद ओ बेकाबू भए सभकेँ तंग
करैत रहैत छलाह । एकदिन साँझमे ओ परीक्षाक तैयारी करैत छलाह । हुनकर पिता आबि कए
भूगोल पढ़बए लगलखिन जखन कि काल्हि भेने इतिहासक परीक्षा हेबाक रहैक । ओ डरे किछु
नहि बाजि सकलाह आ परीक्षामे ओही विषयमे असफल भए गेलाह जाहि कारणसँ हुनकर एकसाल
बरबाद भए गेलनि । दिल्लीमे हम एहन कैकटा परिवारकेँ उजरैत देखलिऐक । कैक बेर तँ
शराबी/ नशेरीक मृत्यु भेलाक बाद परिवार बेसी सुरक्षित आ सुखी
भए जाइत अछि।
ई बात सर्वविदित अछि जे शराब
वा कोनो मादक बस्तुक अभ्यस्त लोककेँ नशाक जोगार चाही चाहे ताहि हेतु ओकरा जे करए
पड़ैक। कतेको रिक्सा चालक,मजदूर, वा छोटमोट नौकरी केनिहार लोक नशाक चक्करमे
अपन कमाइक अधिकाँश हिस्सा नशा सेवनमे खर्च कए लैत अछि । परिणामतः ओकर घरक स्थिति
सदिखन गड़बड़ाएल रहैत अछि । नेनासभ बिलटल रहैत अछि । नशेरीसभक घरक माहौल ततेक विषाक्त
भेल रहैत अछि जे ओहिमे के कखन मरि जाएत तकर कोनो ठेकान नहि । कैकबेर तँ विषाक्त
शराब पीबि पचासो लोक एकहिठाम सुतले रहि जाइत अछि । नशा करब गरीबे नहि अपितु ककरो
लेल खराप होइत अछि । कैकबेर देखल जाइत अछि जे नशा कए कार चलओनिहार भयंकर दुर्घटनाक
शिकार भए जाइत अछि । एहनमे कैकबेर तँ पूरा परिवारे सुडाह भए जाइत अछि । अस्तु,शराब वा अन्य कोनो प्रकारक नशाक नियंत्रण करबाक कोनो प्रयास स्तुत्य अछि ।
समाजक एहि स्थितिसँ उबारबाक
हेतु बिहार सरकार सन् २०१६मे शराबबंदी कानून लागू केलक । कानून बनि गेल आ लागूओ भए
गेल । मुदा एकर प्रावधानसभ आवश्यकतासँ बेसी प्रतिशोधी छल । परिणामस्वरुप, लोकसभ शराबक
क्रय-विक्रय नुका कए करए लागल । एकबेर हम
मधुबनीमे रिक्सापर जाइत रही । ओहि समयमे शराबबंदी कानून बिहारमे लागले रहैक
। रिक्साबलाकेँ ओहि कानूनक बारे मे पुछलिऐक । ओ कहलक-“जकरा
पीबाक आदति छैक से तँ पीबे करत चाहे ओकरा जे करए पड़ैक । पहिने दस रुपयामे जतेक
तारी भेटि जाइत छलैक आब तकर आधा चारिगुना दामपर
भेटैत छैक आ नशेरीसभ सेहो कीनैत अछि ,पीबैत अछि।”
बिहार शराबबंदी कानून २०१६क
धारा ३७क मुताबिक जे केओ कतहु शराब पीबैत अछि वा कोनो नशा करैत अछि वा कतहु निशा
केने पकड़ल जाइत अछि तँ ओकरा कम सँ कम पाँच साल आ बेसी सँ बेसी सात सालक जहलक संगे
कम सँ कम एक लाख आ बेसी सँ बेसी दस लाखक जुर्माना कएल जा सकैत अछि । तहिना जौँ केओ
शराब पीबि कए वा कोनो निशा कए झंझट करैत अछि किंवा हिंसा करैत अछि, अपन घर वा बाहर
शराब पीबाक हेतु उत्साहित करैत अछि,स्वीकृति दैत अछि,शराबी लोकनिकेँ अपना घरमे जमा करैत अछि तँ ओकरा कमसँ कम दस साल आ बेसी सँ
बेसी आजन्म जहल आ एक लाख सँ लए कए दस लाख धरि जुर्माना कएल जा सकैत अछि।
सन्२०१६मे शराबबंदी कानून लागू
भेलाक बाद तीन सालमे एक लाख सड़सठि हजार आदमी पकड़ल गेल आ बाबन लाख दू हजार अस्सी
लीटर शराब जब्त कएल गेल । सबाल ई अछि जे एतेक मात्रामे शराब बनैत कोना अछि आ ओकरा एकठामसँ दोसर
ठाम कोना पहुँचाएल जाइत अछि जखन कि एतेक सख्त कानून पूरा बिहार राज्यपर लागू अछि? एहनो सुनबामे अबैत
अछि जे कैकबेर जब्त कएल गेल शराबकेँ पुलिस
स्वयं चोरा कए राखि लैत अछि । कैमूर नामक स्थानपर जखन एहने घटना पकड़ल गेल तँ
पुलिस कहलक जे मूस शराब पीबि गेल ।
शराबबंदी कानूनक तहत नार्थ
बंगाल स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन बनाम बिहार सरकारक मामिलाक सुनबाइ करैत
बिहार सरकारक खिलाफ बहुत सख्त टिप्पणी करैत पटना उच्च न्यायालय कहलथि जे बिहार
पुलिस आँखि मूनि कए काज कए रहल अछि आ निर्दोष जनताकेँ बिहार शराबबंदी कानूनक तहत
परेसान कएल जाइत अछि । उपरोक्त मामिलामे बेगुसरायक नार्थ बंगाल स्टेट रोड
ट्रांसपोर्ट कारपोरेशनक बस पुलिस एहि लेल जब्त कए लेलक जे ओहिमे एकटा यात्रीक
संगमे शराबक बोतल पाओल गेल रहैक । माननीय उच्च न्यायालयक कहब रहनि जे चूँकि बस
सरकारी छलैक तेँ ओकरा एना सोझे जब्त नहि करबाक चाहैत छलैक अपितु पुलिसकेँ कुर्कीक
प्रकृया करबाक चाही । पुलिस द्वारा एहि कानूनक तहत कएल जा रहल ज्यादितीक उदाहरण
दैत कोर्ट कहलथि जे एकटा बैंक अधिकारी नोएडासँ बंगाल बदली भेलापर अपन घरक समानसभ
परिवहन कंपनीक ट्रक द्वारा पठओने छलाह। ओहि ट्रकमे आनो लोकसभक सामान रहैक । पुलिसकेँ ओहि ट्रकमे शराबक बोतल भेटलैक ।
तकरबाद पुलिस पूरा ट्रकक समानसभ जब्त कए लेलक । परिणामस्वरुप,बैंक
अधिकारीकेँ बिना कोनो गलती केनहि बहुत परेसानी भए गेलैक । एहन उदाहरण सभक चर्च
करैत कोर्ट कहलथि जे पुलिस बिहार शराबबंदी कानूनक लोकसभकेँ आँखि मूनि कए जहल पठा
दैत अछि । जहलसभ एहन लोकसभसँ भरि गेल अछि । कोर्टमे मोकदमाक संख्या बढ़िते जा रहल
अछि । पुलिस कार्रवाइ करबासँ पूर्व जँ माथा लगाबए तँ बहुत रास परेसानीसँ लोक बँचि सकैत अछि ।
बिहार शराबबंदी कानूनक अधीन जहलमे
बंद बेसी लोक समाजक निम्न वर्गक छल। जहलमे बंद रहलासँ ओकरसभक परिवारक
पालन-पोषण मोसकिल भए गेल । जनता त्राहि माम करए लागल । तकर बाद बिहार सरकार
केन्द्र सरकारक अनुमतिसँ आममाफी योजना आनि बहुत रास कैदीसभकेँ जहलसँ छोड़ि देलकैक
। कहक माने जे बिहार शरबबंदी कानूनक दुरुपयोग ततेक भेल जे सरकारकेँ स्वयं ओहि
कानूनमे संशोधन करए पड़लैक ।
न्यायालयसभमे निरंतर बढ़ि रहल
केससभक कारण पटना न्यायालय बिहार सरकारसँ पुछबाक हेतु वाध्य भेल जे आखिर दू लाख
सड़सठि हजार शराबंदीसँ संबंधित मामिलाकेँ कोना खतम कएला जाएत? कोर्टमे जज
एवम् अन्य जरूरी सुबिधाक अभावकेँ देखैत ई एकटा गंभीर समस्या भए गेल अछि । सितम्बर
२०१९ धरि मात्र २६२९ एहन मामिलाक निष्पादन भए सकल छल जखन कि लाखों केस कोर्टसभमे
अखनो लंवित अछि ।
किछुगोटे बिहार शराबबंदी
कानूनकेँ पटना उच्च न्यायालयमे चुनौती देलक । उच्च न्यायलय पटना एहि कानूनकेँ
निरस्त कए देलक । एहि निर्णयक खिलाफ बिहार सरकार उच्चतम न्यायालयमे अपील केलक ।
उच्चतम न्यायालय बिहार सरकारक अपीलपर पटना उच्च न्यायालयक आदेशपर रोक लगा देलक ।
शराबबंदी कानूनक उल्लंघनक
मामिलासभ लाखोंमे कोर्टसभमे लंवित अछि । कोर्ट सेहो परेसान अछि । जनता तँ परेसान
छलहे । समाजक गरीब लोकसभकेँ एहि कानूनक
प्रावधानसँ प्रताणना बढ़ि गेलैक । लोकसभ थाना-पुलिस,कोट-कचहरीक चक्करमे पड़ल रहैत
छल । एहि बातसभक जानकारी बिहार सरकारकेँ भेलैक । उपरोक्त कानूनक कैकटा प्रावधानकेँ
सन् २०१८मे बिहार सरकार बदलि देलक जाहिसँ लोकके परेसानी कम होइक ।
असलमे सन् २०१६क कानून ततेक कठोर छल जे लोकसभ
परेसान भए गेल । संगहि एहि कानूनक दुरूपयोगक सिकाइति सेहो सरकारकेँ प्राप्त भेलैक
। ताहिसभ बातकेँ ध्यानमे रखैत एहि कानूनमे निम्नलिखित महत्वपुर्ण संशोधन कएल गेल-
१.शराब पीबैत पकड़ल गेल व्यक्तिकेँ थानासँ
जमानत भेटि सकैत छैक ।
२.पहिल बेर शराब पीबाक अपराधमे पकड़ल गेल
व्यक्ति पचास हजार जुर्माना दए छुटि सकैत अछि । मुदा जुर्माना नहि देला पर तीन मासक
कारावास हेतैक ।
३.जौँ दोसर बेर केओ शराब पीबैत पकड़ल जाइत अछि
तँ ओकरा एक लाख जुर्माना वा एक सालक जहलक दंड हेतैक ।
४.शराब पीबैत पकड़ल गेल व्यक्तिक संपति जब्त
करबाक प्रावधानकेँ समाप्त कए देल गेल अछि । मुदा शराबकेँ अपन घर वा गाड़ीमे संग्रह
करए बला व्यक्तिकेँ कोनो छूट नहि देल गेल अछि ।
५.सामुहिक दंडक प्रावधानकेँ समाप्त कए देल गेल
अछि ।
६.शराब पीबैत पकड़ल गेल व्यक्तिकेँ जिला बदर
करबाक प्रावधानकेँ समाप्त कए देल गेल अछि ।
७. सन् २०१६मे
लागू भेल शराबबंदी कानूनक अनुसार जौँ केओ शराबक संग्रह केने पकड़ल जाइत अछि
तँ ओकर परिवारक सदस्य(पत्नी,पति आ आश्रित संतान)केँ सेहो अपराधिक मामिला कएल जा
सकैत अछि । संगहि मकान मालिककेँ खिलाफ सेहो अपराधिक मोकदमा कएल जा सकैत अछि ।
कानूनी प्रावधानक अनुसार अपराध साबित भेला पर कम सँ कम दस सा धरि जहल आ एकलाख
जुर्माना कएल जाएत । पारिवारिक सदस्य किंबा मकान मालिककेँ एहि तरहेँ प्रताड़ित करब
भारतीय संविधानक धारा १४ एवम् २१क उल्लंघन होइत छल । उपरोक्त कानूनमे २०१८मे कएल
गेल संशोधन द्वारा उपरोक्त प्रावधानकेँ हटा देल गेल अछि।
८.जौँ केओ शराब बनबैत पहिल बेर पकड़ल जाइत अछि
तँ ओकरा दू साल धरि जहल हेतैक । मुदा दोबारा ई गलती केलापर कमसँ कम दस सालक जहल
हेतैक ।
९. कोनो मकानमे शराब
भेटलापर पहिलुका कानूनमे पूरा मकान सील करबाक प्रावधान छल । संशोधनक बाद आब मात्र
ओहि कोठरी मात्रकेँ सील कएल जाएत जतए शराब राखल छल ।
१०.विषाक्त शराब पिलापर भेल मृत्युपर
संबंधित दोषी व्यक्तिकेँ फाँसी देबाक प्रावधान कएल गेल अछि ।
बिहार सरकार शराबबंदी कानूनक
उल्लंघनक सिकाइत हेतु टालफ्री फोन संख्या १५५४५ वा १८००३४५६२६८ पर कएल जा सकैत अछि । सिकाइति केनिहारक नाम
गोपनीय राखल जाइत अछि । सिकाइति प्राप्त भेलापर ओकरा संबंधित पुलिस अधिकारीकेँ
कार्रवाइ हेतु अग्रेषित करैत अछि । पुलिससँ प्राप्त जानकारी/ प्रतिवेदनसँ
सिकाइत केनिहार व्यक्तिकेँ अवगत कराओल जाइत अछि । जौँ ओ कएल गेल कार्रवाइसँ
संतुष्ट नहि अछि तँ ओकर आग्रहपर दोबारा जाँच सेहो कएल जा सकैत अछि ।
बिहारक अतिरिक्त गुजरात,मिजोराम,नागालैंड आ केन्द्र शासित क्षेत्र लक्षद्वीपमे पहिनेसँ शराबबंदी कानून लागू
अछि । मुदा कतहु एहन अव्यवहारिक कानून नहि बनल,ने कतहु कानून
बनलाक बाद एतेक उठा-पटक भेल। ओहि राज्यसभमे शराबबंदी कानून लागू भेलासँ लोक शराब
पीनाइ छोड़ि देलक से नहि कहल जा सकैत अछि । एहू राज्यसभमे कैकठाम शराब जेना-तेना
बिकाइते अछि आ लोक पीबिते अछि । गुजरातमे तँ शराब तरकारी जकाँ घरे-घर पहुँचा देल
जाइत अछि। कानून बनओनाइ एकटा बात थिक आ ओकरा लागू भेनाइ दोसर बात । एक सँ एक कानून
बनि कए ब्यर्थ साबित भए चुकल अछि । बिआहमे दहेज देबा-लेबाक
विरुद्ध कानून कहिआसँ बनल अछि मुदा ई सभ केओ जनैत अछि जे व्यवहारमे एकर बिना साइते
कोनो बिआह होइत होइक । जतए सोझा-सोझी टाका नहिओ लेल जाइत अछि ओतहु आन-आन तरहें
कन्यापक्षसँ उगाही होइते अछि । कहबाक माने जे सामाजिक क्षेत्रमे सुधार हेतु कानूनक
अतिरिक्त चरित्र एवम् व्यक्तित्व निर्माण बहुत जरूरी अछि । तखने समाजमे सुधार भए
सकैत अछि,तखने शराबसँ मुक्ति भए सकैत अछि ।
कैक बेर एहनो देखल जाइत अछि
जे शराबीक संतान शराब छुबितो नहि अछि। दिन-राति पारिवारिक कलह देखैत-देखैत एहन
नेनाक मोनमे कतहु-ने-कतहु शराब वा अन्य कोनो प्रकारक नशाक घृणा भए जाइत अछि। तकर
कैक बेर सकारात्मक प्रतिकृयास्वरुप ओसभ शराबसँ जीवनभरि फटकी रहैत अछि। परिस्थितिवश ओकर
व्यक्तित्वमे शराब वा कोनो अन्य निशाक प्रति एकटा अरुचि भए जाइत अछि ।
एहि बातमे कोनो संदेह नहि अछि
जे शराब पीनाइ अधलाह थिक मुदा एकर आदति छोड़ेनाइ पहाड़ चढ़ब थिक । जे होइक मुदा
कानून बनि गेलासँ एकटा अवरोध तँ भइए गेलैक अछि । आशा अछि जे लोक एहि कानूनक जन
कल्याणक भावना बुझैत सरकारकेँ आवश्यक सहयोग देताह जाहिसँ एकर उद्देश्यपूर्ति संभव
होअत ।
लेखकःरबीन्द्र नारायण
मिश्र
Email:mishrarn@gmail.com
26.02.2020