सोमवार, 20 अप्रैल 2020

लेखक परिचयः


छाप सरायकेला साहित्यिक महोत्सव 2024

आकाश का मौन

विमोचनःभोरसँ साँझ धरि




परिचय

 

तिहत्तर वर्षीय श्री रवीन्द्र नारायण मिश्र का पैतृक गाम बिहार के  मधुबनी जिला में  अरेर डीह है। उनके पिता का नाम स्वर्गीय सूर्य नारायण मिश्र और माता का नाम स्वर्गीय दयाकाशी देवी हैं। श्री मिश्र को बचपन से ही संस्कृति, साहित्य एवं समाज से प्रेम रहा है। वे अपने छात्र जीवन से ही मिथिला मिहिर और अन्य पत्रिकाओं के लिए लिखते रहे । उनकी कई रचनाएँ आकाशवाणी दरभंगा और इलाहाबाद से प्रसारित हो चुकी हैं। वे साहित्य की प्रमुख विधाओं जैसे कविता, कथा, उपन्यास, यात्रा वृतांत, संस्मरण और समसामयिक विषयों पर अनवरत लेखन करते रहे हैं।

मैथिली में उनकी ३३ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिस में २१ उपन्यास,दो संस्मरण,दो यात्रा प्रसंग , तीन निवंध संग्रह,दो कथा संग्रह और आत्मकथा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अंग्रेजी में तीन एवम् हिन्दी में एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं। हिन्दी में दो उपन्यास अभी तक अप्रकाशित हैं । इसके अतिरिक्त मैथिली,हिन्दी और अंग्रेजी में लिखे गए सैकड़ो कविताएँ अप्रकाशित हैं।

मैथिली में इनके चर्चित उपन्यासों में प्रमुख हैं-

सूर्यपुत्र, आबि रहल छी, ठेहा परक मौलायल गाछ,जयतु जानकी, मातृभूमि, राष्ट्र मंदिर, बदलि रहल अछि सभकिछु,महराज और लजकोटर

 

 

 

Seventy-three-year-old Shri Rabindra Narayan Mishra was born and bred in a small village Arer Dih in Madhubani district of Bihar. His father's name is late Surya Narayan Mishra and mother's name is late Dayakaashi Devi. He has been writing for Mithila Mihir and other magazines since his student days. Many of his works have been broadcast from All India Radio Darbhanga and Allahabad. Shri Mishra has abiding love for culture, literature and society since childhood. and is already an author of thirty-three books in different languages. And the notable thing is that these books belong to different genres. Thirty-three of his books have been published in Maithili, which include twenty-one novels, two memoirs, two travelogues, three collection of essays, two collection of short stories and an autobiography. Apart from this, three books have been published in English and one in Hindi as well. Two novels in Hindi are still unpublished. Apart from this, hundreds of poems written by him   in Maithili, Hindi and English are unpublished so far.

Prominent among his famous novels in Maithili are – Suryaputra,Hum Aabi Rahal Chhi, Theha Parak Maulayal Gach, Jayatu Janaki, Matribhoomi, Rashtra Mandir, Badali Rahal Achhi Sabkichu, Maharaj and Lajkotar.


Shri Rabindra Narayan Mishra authored thirty‑six books across Maithili, Hindi, and English. His works span diverse genres:


    • Autobiography: Bhorsan Sanjh Dhariभोरसँ साँझ धरि
    • Memoirs: Iyeh Thik Jeevan, Pathey, Katha Akhan Banki Achhi इएह थिक जीवन, पाथेय, कथा अखन बाँकी अछि
    • Essays: Prasangvash, Samadhan, Vividh Prasang प्रसंगवश, समाधान, विविध प्रसंग
    • Travelogues: Swarg Etahi Achhi  ,Maati Baja Rahal Achhi स्वर्ग एतहि अछि, माटि बजा रहल अछि

    Novels: More than twenty‑one, including Namastasyai, Maharaj, Lajakotar, Seemak Ohi Paar, Matrubhumi, Swapnalok, Shankhnaad, Dhahait Debal, Ham Aabi Rahal Chhi, Pralayak Paraat, Beeti Gel Samay, Pratibimb, Badali Rahal Achhi Sabkichhu, Rashtra Mandir, Naachi Rahal Chhali Vasudha, Deep Jarait Rahae, Theha Parak Moulayal Gaachh, Patakshep, Jayatu Janaki, Yagyaseni, Suryaputra

    •  नमस्तस्यै, महराज, लजकोटर, सीमाक ओहि पार, मातृभूमि, स्वप्नलोक, शंखनाद, ढहैत देबाल, हम आबि रहल छी, प्रलयक परात, बीति गेल समय, प्रतिबिम्ब, बदलि रहल अछि सभकिछु, राष्ट्र मंदिर, नाचि रहल छलि वसुधा , दीप जरैत रहए, ठेहा परक मौलायल गाछ, पटाक्षेप, जयतु जानकी, यज्ञसेनी, सूर्यपुत्र
    • Short Stories: Fasad, Sanyog, Gaach Bajait Chaikफसाद, संयोग, गाछ बजैत छैक
    • In English: The Lost House, Life is an Art, The Ganges Whispers
    • In Hindi: Nyay Ki Guharन्याय की गुहार

लेखक परिचयः

नाम : रबीन्द्र नारायण मिश्र
पिताक नाम : स्वर्गीय सूर्य नारायण मिश्र
माताक नाम : स्वर्गीया दयाकाशी देवी
जन्म तिथिःभादव शुक्ल चतुर्थी सन् ‍१३६० साल 
 २४ अगस्त ‍१९५२(जन्मपत्र)        

पैतृक ग्राम : अड़ेर डीह
मातृक : सिन्घिआ ड्योढ़ी
वृति : भारत सरकारक उप सचिव (सेवानिवृत्त)/
स्पेशल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, दिल्ली(सेवानिवृत्त)
शिक्षा : चन्द्रधारी मिथिला महाविद्यालयसँ बी.एस-सी. भौतिक विज्ञानमे प्रतिष्ठा : दिल्ली विश्वविद्यालयसँ विधि स्नातक

श्री रबीन्द्र नारायण मिश्रक प्रकाशित कृति :मैथिलीमे:-

प्रकाशन वर्ष:2017
१. ‘भोरसँ साँझ धरि’ (आत्म कथा),    २. ‘प्रसंगवश’ (निवंध), ३. ‘स्वर्ग एतहि अछि’ (यात्रा प्रसंग),

प्रकाशन वर्ष:2018

 ४. ‘फसाद’ (कथा संग्रह) ५. `नमस्तस्यै’ (उपन्यास) ६. विविध प्रसंग (निवंध ) ७.महराज(उपन्यास) ८.लजकोटर(उपन्यास)

प्रकाशन वर्ष:2019

 ९.सीमाक ओहि पार(उपन्यास)१०.समाधान(निवंध संग्रह) ११.मातृभूमि(उपन्यास) १२.स्वप्नलोक(उपन्यास)

प्रकाशन वर्ष:2020

१३.शंखनाद(उपन्यास) १४.इएह थिक जीवन(संस्मरण)

१५.ढहैत देबाल(उपन्यास) १६.पाथेय(संस्मरण)

प्रकाशन वर्ष:2021

१७.हम आबि रहल छी(उपन्यास) १८.प्रलयक परात(उपन्यास)

प्रकाशन वर्ष:2022

१९.बीति गेल समय(उपन्यास) २०.प्रतिबिम्ब(उपन्यास)२१.बदलि रहल अछि सभकिछु(उपन्यास)22. राष्ट्र मंदिर(उपन्यास) २३. संयोग(कथा संग्रह) २४.   नाचि रहल छलि वसुधा  ( उपन्यास)

प्रकाशन वर्षः2023

२५.दीप जरैत रहए(उपन्यास)        २६.ठेहा परक मौलायल गाछ(उपन्यास) २७.पटाक्षेप(उपन्यास)

 प्रकाशन वर्षः2024

 २८ माटि बजा रहल अछि(यात्रा प्रसंग) २९ जयतु जानकी(उपन्यास)

३० यज्ञसेनी(उपन्यास)

प्रकाशन वर्षः2025

३१. माटि बजा रहल अछि(संस्मरण) ३२गाछ बजैत छैक(कथा संग्रह) ३३.सूर्यपुत्र(उपन्यास)

In English: -

Year of publication:2018
1. The Lost House (Collection of short stories)
2. Life is an art

3.The Ganges Whispers (English translation of my Maithili Novel,Ham Aabi Rahal Chhee (हम आबि रहल छी)

हिन्दी में

प्रकाशन वर्ष:2019
१.न्याय की गुहार

 

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7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर
    Prakash Pandey, Delhi

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  2. अत्यंत ही सुन्दर।
    Prakash pandey Delhi

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  3. एक आओर पोथी प्रकाशित भेल,ई जानि खुशी भेल। अनन्त शुभकामना आ आ अभिनन्दन।

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  4. एक आओर पोथी प्रकाशित भेल,ई जानि खुशी भेल। अनन्त शुभकामना आ आ अभिनन्दन।

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  5. भीम नाथ बाबूक बधाइ बड़ निक लागल।जय सियाराम।

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  6. वाह आपकी काबिलियत,मेहनत, संवेदनशील रचनाधर्मिता को सहृदय सादर नमन

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