आनलाइन भोज
पछिलाबेर नबंबरमे जखन माएक चारिम बरखीक करबाक छल तँ बहुत
चिंतामे परि गेल रही। जकरे देखू सएह कोरोनाक चर्च करैत भेटैत । लोकक आबाजाही बंद,भेंट-घांट बंद
। आखिर कोना की कएल जाए?
गामक बात जरूर फराक छल । ओतए सभकिछु पूर्वबते चलि रहल छल
। ओहिना भोज-भात,ओहिना उपनयन,बिआह आ श्राद्ध भए रहल छल । मुदा गाम
जाएब तखन ने? ओतए जेबेक क्रममे जँ कोरोना गिरफ्तमे लए लेलक
तखन? ग्रेटर नोएडा स्थित हमर घरक आसपास कोनो गड़बड़ी नहि छल
। सभटा ओरिआन भए जाइत । मुदा ब्राह्मणक जोगार कोना होइत? कम
सँ कम एगारहटा ब्राह्मण तँ चाहबे करी ।
ओना हम पहिल वर्षीक बात गया जा कए पिंडदान कए देने रही ।
मुदा कैकगोटे कहए लगलाह जे पाँचटावर्षी तँ करबाक चाही । ओना पंडितजीक हिसाबे गयामे
पिंडदान केलाक बाद साले-साल वर्षी करबाक अनिवार्यता नहि रहि जाइत छैक । तथापि हम
सोचलहुँ जे पांचो वर्षी कइए लेल जाए । ताही क्रममे पछिला साल नबंबरमे माएक चारिम
वर्षी छलनि । ओहि समयमे कोरोना किछु कम भए गेल रहैक । मुदा खतम नहि भेल रहैक । तेँ
ब्राह्मणलोकनिकेँ घरमे एकठाम जमा करब ठीक नहि बुझाएल । तखन की कएल जाए? आओर
विकल्पसभपर सोचए लगलहुँ ।
किछुए दिन पहिने हमरे सोसाइटीमे हमर एकटा परिचित मैथिल
ब्राह्मणक ओहिठाम हुनकर माएक दोसर वर्षी रहनि। हमरा ओना ओ अवश्य नोत दैत छलाह ।
मुदा एहि बेर हुनका ओहिठामसँ नोत नहि आएल । भेल जे वर्षी करताह कि नहि? मुदा एकदिन
जखन दुपहरिआमे घरसँ सड़क दिस जाइत रही तँ कर्त्ताकेँ केस कटओने देखलिअनि। पात्रकेँ
कर्मक ओरिआन करैत देखलिअनि । एक-दू गोटे लगपासमे बैसलो देखेलाह । हम ओम्हरे ससरि
कए गेलहुँ। भेल जे पता करिऐक जे कोना-की कए रहल छथि ?
गाछतर कर्मक तैयारी भए रहल छल । हम ओहिठाम जा कए ठाढ़
भेलहुँ । कर्त्ता अपने बाजए लगलाह-“एहिबेर कोरोनाक कारण ककरो नोत नहि दए सकलिऐक ।
महापात्रजीक अतिरिक्त ब्राहम्ण भोजनक हेतु मंदिरमे पंडितजीकेँ किछु अन्न आ टाका दए
देबनि ।” हम टहलि कए वापस अबैत काल फेर ओतए कनी काल ठाढ़ भेलहुँ।
असलमे हम देखए चाहैत छलहुँ जे एहन परिस्थितिमे ओ माएक वर्षी कोना कए रहल छथि ।
कर्ता खूब नीकसँ मास्क लगओने रहथि । मुदा महापात्रजीक लगमे मास्क नहि छल । हुनकर
सहायक लग सेहो मास्क नहि छल । एकाध गोटे जे ओतए बैसल छलाह,तिनको
लगमे मास्क नहि छल । एनामे कोरोनासँ वचाव कोना
होइत?
ओहिठामसँ
लौटलाक बाद हम सोचए लगलहुँ जे हमरो तँ माएक वर्षी करबेक अछि । तखन कोना की कएल जाए? मंदिरमे जा कए सीधा आ टाका दए
देब हमरा पसिंद नहि पड़ल । ब्राह्मणसभकेँ नोत दए घरमे भोजन कराएब परिस्थितिक
अनुसार काज नहि होइत,कारण कोरोना संक्रमणक खतरा भए सकैत छल ।
तखन एकटा नवप्रयोग करबाक विचार भेल । हम दुनू बेकती एहिपर सहमत भेलहुँ । जिनका
ओहिठाम हम वर्षी देखि आएल रही सेहो एकरा पसिंद केलनि,संगहि
दूटा ब्राह्मण उपलव्ध करेबाक सेहो जोगार केलनि ।
नवप्रयोग ई छल जे ब्राह्मणलोकनिकेँ हुनके घरपर स्थानीय
प्रसिद्ध भोजनालयसँ भोजन आनलाइन आदेश कए नियत समयपर पठा देल जेतनि । हमरे
सोसाइटीमे रहैत दोसर मैथिल परिवार सेहो सहमति देलनि । ओना ओ तँ हमर घरोपर आबि कए
ब्राह्मण भोजन करबाक हेतु तैयार रहथि । आओर कैकगोटे अपन सहमति देलनि ।
वर्षीक एकदिन पहिने
हम एकभुक्त केने रही । केस कटाबक रहए । पछिला आठमाससँ केस जस-के-तस छल ।
कोरोनाक कारण हजाम लग नहि गेल रही । मुदा वर्षीमे तँ केस कटेबेक छल। हमर छोटपुत्र
आनलाइन एकटा हजामक जोगार केलनि । जेना-तेना केस कटेलहुँ । साँझमे एकभुक्त केलहुँ ।
दोसर दिन नियत समयपर पंडितजी आबि गेलाह । कर्मक समानसभ पहिनेसँ तैयार छल ।
विधि-विधानपूर्वक कर्म संपन्न भेल । पंडितजीके यथेष्ट दक्षिना देलिअनि । ओ नीकसँ
भोजन केलनि । तकरबाद अपन-अपन घरमे बैसल ब्राह्मणलोकनिकेँ डेलीभरी व्आय द्वारा भोजन
समयपर पहुँचि गेलनि । फोनसँ तकर संपुष्टि कएल गेल । ओ सभ अपन-अपन घरमे भोजन केलनि
। कैकगोटे तँ भोजन करैत फोटो सेहो पठा देलनि । आनलाइन ब्राह्मणभोजन करेबाक प्रयोग
सफल रहल । एहि तरहेंमाएक चारिम वर्षी शांतिपूर्ण षंगसँ संपन्न भेल ।
14.05.2021