मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

गुरुवार, 11 जून 2020

माधवी नानी

माधवी नानी


हम नेना रही । कैकबेर दनानपर बैसल रहितहुँ कि हुनका किछु-किछु बड़बड़ाइत देखितिअनि । कैकबेर ओ किछु-किछु हमरो कहबाक प्रयास करितथि । मुदा हम नहि बूझि पबिऐक जे बात की छैक ?  कैकबेर भगवती लग पूजा करैत काल सेहो हुनका भनभनाइत देखिअनि । मुदा बात नहि फरिछाए । माएकेँ हुनकासँ बहुत लगाव रहनि । ओ हुनकासँ बहुत आदरपूर्वक गप्प करित थि । बादमे माए हुनकेसँ मंत्रो लेलथि । हुनका लेल माएकेँ जे पार लागनि से ओ करबो करितथि । मुदा हुनकर दुख तँ भितरिआ रहनि । तकर निवारण के करैत ?

कृषकाय,उज्जर धोतिमे लपटल हाथमे छोटसन लोटा लेने भोरे-भोर ओ कुट्टीपर स्नानकरबाक हेतु जाइत छलीह । नवका पोखरिबनि गेलाक बाद हमरासभक परिवारक अधिकांश लोक स्नान,पूजाक हेतु ओतहि जाथि । मुदा माधवीनानी सभदिन कुट्टिएपर जाइत रहलीह । माघक जाढ़ होइक वा भदवारिक पानि हुनका लोकनिक स्नान-पूजाक समयमे कोनो परिवर्तन नहि होइत छल । हुनका संगे हुनके बएसक दू-तीनटा आओर महिला स्नान करबाक हेतु कुट्टीपर जाइत छलि । स्नान-पूजा केलाक बाद ओ सभ तीन-चारि गोटे संगहि लौटथि तँ कैकबेर रस्तेमे भेंट भए जाइत छल । कारण हमहु नवका पोखरिपरसँ स्नान कए ओही समयमे वापस अबैत रहैत छलहुँ । कुट्टीपरसँ स्नान-पूजा केलाक बाद ओ हमर बिचला घरमे स्थापित भगवतीक पूजा करैत छलीह । तकरबादे ओ उतरबारिकात बनल अपन घर जाइत छलीह । आश्चर्य आ दुखक बाद थिक जे ओ घर हुनकर अपन घरारीपर नहि बनल छल । ओ जगह हमरा लोकनिक हिस्सामे छल आ बाबू हुनका तात्कालिक देने रहथिन ।

 नित्य अन्हरोखे कुट्टीपर भगवानक आरती होइत छल । घरी-घंटा बजैत छल । ताधरि सूर्योदय नहि भेल रहैत छल । सोचल जा सकैत अछि जे ओ सभ कतेक भोरे स्नानक हेतु कुट्टीपर पहुँचि जाइत छलि । कुट्टीपरहक बाबा ओहिठामक व्यवस्था चाक-चौबंद रखने छलाह ।  ओतए बहुत रास गाएसभक पालन होइत छल आ तकर दूधसँ पाएस बनैत छल । प्रसादमे ओहि पाएसकेँ कनी-कनी कए लोकसभकेँ देल जाइत । ततेक स्वादिष्ट रहैत छल जे होइत जे खाइते रही । मुँहमे जाइते बिला जाइत छल ।  ओ बाबा बहुत दिनधरि कुट्टीपर रहलाह आ एकदिन रातिएमे कुट्टीक बहुत रास समानसभ बैलगाड़ीपर लादि चुपचाप चलि जाइत रहलाह । लोकसभ कहलक जे नेपाल दिस हुनकर भाए बाबाजी रहथिन,ओतहि चलि गेलाह । कुट्टी खाली भए गेल । मुदा माधवीनानी आ हुनकर संगीसभक स्नान चलिते रहलनि ।

माधवीनानीक पति हमर बाबाक सहोदर रहथि । हमर बाबा(स्वर्गीय श्री शरण मिश्र) छओ भाइ रहथि । ओहिमेसँ एकटा माधवीनानीक पति सेहो रहथि । बिआहक बाद मात्र एकटा बेटीक जन्मक बाद ओ असमयेमे मरि गेल रहथि । ओहि समयमे अंग्रेजक बनाओल कानूनक अनुसार विधवाकेँ मात्र खोरिसक अधिकार छलैक । आओर किछु नहि। तेँ हुनकर ई हाल छल । एतेक संपन्न परिवारक पुतहु होइतहुँ ओ अत्यंत कष्टमे जीवन-यापन करैत छलीह । अपने लोकसभ कानूनक भर लैत हुनका किछु नहि देलखिन । नेनामे सुनिऐक जे एकबेर ओ मोकदमा सेहो केलथि मुदा हारि गेलीह । ओहिसमयमे कानूने तेहने रहैक ।

 पुस्तैनी संपत्तिमे हिस्सा नहि भेटबाक कारण हुनका हाकरोस करैत देखिअनि । हमरा नीकसँ मोन अछि जे पारिवारिक संपत्तिमे हिस्सा नहि भेटबाक कारण ओ कतेक बेकल रहैत छलीह। रहि-रहि कए कानए लगितथि। कहितथि-भगवान हमरा संगे तँ अन्याय केबे केलाह,घरोक लोक  बहुत जुलुम केलक। हमर घरबलाक हिस्सा पचा गेल । हुनका बेर-बेर श्राप दैत सेहो सुनिअनि। ओ श्राप सभकेँ पड़िए गेलनि। ओहि आङनक तीनू घरबासीक जे गति भेल से देखलक नगरक लोक ।

माधवीक माएक पोखरौनी बिआह भेल रहनि । हुनका सेहो मात्र एकटा संतान माधवी भेलखिन। माधवी अपन नानीकसंगे रहथि । संभवतः हुनकर माएक देहांत कमे बएसमे भए गेल रहनि (हम हुनका कहिओ नहि देखने रहिअनि) ।माधवी नानी नामसँ ओ जानल जाइत रहलथि । हुनकर नैहर बेतिआ रहनि । बहुत उच्च कुल-शीलक छलनि हुनकर नैहर । तेँ एतेक संपन्न परिवारमे हुनकर बिआह भेल छल । मुदा भाग्य दहिन नहि रहलनि । पतिक अकाल मृत्युक संगहि जीवनक समस्त सुख चलि गेलनि ।

माधवीक पति फौजमे रहथि । फौजमे पोस्टींगक दौरान ओ एकटा रेडिओ अनने रहथि । ऐहि समयमे रेडिओ ककरो-ककरो होइत छलैक । हमरे आङनमे उतरबारिकातसँ लालबाबाक घरक एक हिस्सामे ओ रहथि । ओकरे ओसारापर रेडिओ राखल जाइत चल । ओहिमे तरह-तरहक गीत-नाद सुनि लोक बहुत प्रभावित होइत । अफसोचक बात छैक जे माधवीनानी केँ घरारिओ नहि देल गेल रहनि । बहुतदिनक बाद जखन हुनकर नतिन जमाए (ठाकुरजी) जखन फौजसँ सेवानिवृत्त भेलाह तँ गामक उतरबारि कात कलमसँ सटले ओ घरारीक जमीन किनलनि। ओतहि घर बनओलनि । तकरबाद माधवी नानी सेहो ओतहि रहए लगलीह । कहि नहि हुनकर बएस कतेक रहनि। हमरा जनैत अस्सी सालसँ कम तँ नहिए रहल हेतनि । आधा देह झुकि कए जमीनक समानांतर भए गेल रहए । तेहनो हालतिमे गुरकैत-गुरकैत ओ हमरासभक आङन आबि जाइत छलीह ,कुट्टीपर स्नान करबाक हेतु चलि जाइत छलीह ।

हमर माए माधवीनानीसँ मंत्र लेने छलखिन । गुरु हेबाक कारण माए हुनका बहुत आदर करैत छलि । जखन अगल घरारीपर ओसभ अपन घर बना लेलनि तखनो माएक आवागमन बनल रहलनि । एकदिन ओतहि माधवीनानीक देहावसान भए गेलनि । बाबू हुनका आगि देलखिन । तकरबाद श्राद्धक समस्या उतपन्न भेल । माएक इच्छा रहैक जे हुनकर श्राद्धक व्राह्मण भोजन आ अन्य विधि-विधान ओही घरारीपर होबए जतए ओ रहैत छलीह । मुदा एकटा फरिकेन ताहि हेतु राजी नहि भेलथि । ओ अलगसँ अपने दरबाजापर व्राह्मण भोजन करओलनि । शेषलोकनि हुनकर अपन घरारिएपर श्राद्धक व्यवस्था केलनि । एहि संबंधमे किछुदिन जबरदस्त घोल-फचक्का भेल रहए । आपसी बैसार सेहो भेल । मुदा सहमति नहि बनि सकल । अ सलमे मरलाक बादो हुनकर स्वतंत्र आस्तित्वकेँ मानबाक हेतु किछुगोटे मानसिक रूपसँ तैयार नहि रहथि जखन कि आब ओहिमे कोनो खतरा नहि छलैक । ओ मरि चुकल रहथि । तखन हिस्सा लेबए थोड़े अबितथिन । 

माधवीनानीक नाम केओ नहि जनैत अछि । भरि जिनगी ओ माधवीनानीक रूपमे जानल गेलीह । हुनका एकटा बेटी भेलनि । तकरो कोनो पहिचान नहि भेलैक ,मुदा माधवीकेँ दूटा बेटा भेलनि । हमरा गाममे ओ सभ कतेको डीहीसँ बढ़ियाँ स्थितिमे छथि आ अपन नानीक स्मृतिकेँ बचओने छथि ।

 माधवीनानीक मरला ३७ साल भए गेल । कानूनक आरिमे हुनका संगे बहुत अन्याय भेल । हुनके कोन,ओहि समयमे जतेक विधवासभ होइत छलीह तिनकर सएह गति होइत छलनि । मुदा आबे की हालति बदलि गेल अछि ? एहि बीचमे हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियममे कतेको संशोधन भेल अछि । कानूनीरूपसँ पैत्रिक संपत्तिमे बेटा-बेटीकेँ बराबरक हक भए गेल अछि । मुदा व्यवहारमे अखनो हालति बहुत नहि बदलल अछि । यद्यपि किछु गोटे अपन हक हेतु कोट-कचहरी धरि जा रहल छथि मुदा सामान्यतः अखनो बेटीक डोली जँ उठि गेल तँ ओ वापस नैहर नहि आएत ,सासुरेमे स्वाहा भए जाएत-क सिद्धांतपर समाज ठाढ़ अछि। केओ-केओ अपवादोमे गनल जा सकैत छथि मुदा अपवाद तँ अपवादे थिक । अपवादिक मामिलाकेँ छोड़िकए बेटीसभक हाथ  अखनहुँ फोकले अबैत अछि । आशा करैत छी जे समाज आबो जागत जाहिसँ माधवीनानीसन लोकक आत्माकेँ शांति भेटतनि ।

 

 

 11.6.2020