बुधवार, 24 मार्च 2021

श्री प्रकाशचंद्र पाण्डेय

 

श्री प्रकाशचंद्र पाण्डेय


श्री प्रकाशचंद्र पाण्डेयसँ हमर पहिलबेर भेंट भेल जखन ओ दिल्ली डेस्कमे हमर व्यक्तिगत सहायक(पीए)क रूपमे काज शुरु केलनि । ओ नौकरी शुरुए केने छलाह आ हमरासंगे हुनकर ई पहिल पोस्टींग रहनि । हुनकासंगे हुनकर पिता सेहो आएल रहथि,जेना छोटनेना संगे ओकर अभिभावक इसकूल जाइत छथि। ओ सभ उत्तराखंडक रहनिहार छथि । हुनकर पिता सेहो सरकारी सेवामे रहथि । इन्टर पास करिते ओ आशुलेखन सिखि लेले रहथि जाहिसँ हुनका कर्मचारी चयन आयोगक माध्यमसँ ई नौकरी भए गेलनि ।

शुरुमे प्रकाशजीकेँ नौकरी करबामे दिक्कति होनि । हम कैकबेर तमासइतो छलिअनि । कैकबेर रुसि कए ओ घर बैसि जाथि । तखन हुनकर पिता संगे आबि कए हुनकर मनोवल बढ़ाबथि । एहि तरहें हुनकर काज आगु बढ़ल । क्रमश: ओ काजसभ सिखैत गेलाह । बादमे तँ ओ ततेक पारंगत भए गेलाह जे एकबेर जे टंकित  करथि तकरा दोबारा देखबाक काज नहि रहैत छल । साइते कहिओ कोनो गलती भेटैत । सरकारी काजक अतिरिक्त हमर कैकटा व्यक्तिगत काजसभ सेहो ओ बहुत मनोयोगपूर्वक करथि । हम किछुदिन ट्युशन करैत छलहुँ । प्रकाशजी विद्यार्थीक हेतु नोटसभेँ टाइप कए देथि । आओरो कैक तरहें ओ मदति करथि । मधुबनीक मकानकेँ खाली करेबाक हेतु ककरा-ककरा ने चिठ्ठी लिखल गेल । ताहूमे ओएह हमरा मदति करथि । एकबेर कहबाक काज-जे फलानक नामे चिठ्ठी बनाउ । तकर आधाघंटाक बाद सजल-धजल चिठ्ठी भेटि जाइत ।

कैकदिन एहन होइत छल जे हम आ प्रकाश काज करैत रहैत छलहुँ आ सौंसे कोठरी खाली भए गेल रहैत । संसद सत्रक समयमे एहन होइत रहैत छल । हमरा लोकनिक पासमे बहुत काज रहैत छल । कतबो प्रयास कएलाक बादो राति भइए जाइत चल । कारण जखन दिल्ली सरकारसँ जानकारी अबैत तकरबादे संसदीय प्रश्नक जबाब बनाओल जाइत । सभटा काज करैत-करैत कैकबेर दूपहर राति भए जाइत । घर वापस हेबाक कोनो साधन नहि रहैत छल । ओना बेसी राति भेलाक बाद कार देबाक व्यवस्था रहैक मुदा ओ बेसीकाल कारगर नहि भए पाबैत छल । जँ कहिओ काल कार भेटिए गेल तँ ओ जिलेबी जकाँ घुमैत कैकगोटेकेँ पहुँचबैत चलैत । ओहिमे तँ आओर देरी भए जाइत छल । एकबेर रातुक बारहसँ बेसी भए गेल छल । हम आ प्रकाशजी नार्थ ब्लाकक सामनेमे दिल्ली पुलिसक जीपक बाट तकैत रही जे हमरासभकेँ घर पहुँचबैत। मुदा संवादप्रेषणमे कोनो गड़बड़ीक कारण जीप नहि आबि सकल आा हम दुनूगोटे बाटे तकैत रहि गेलहुँ । बहुत मोसकिलसँ राष्ट्रपति भवनबला द्वारिक आगुमे १०० नंबरबला एकटा जीप ठाढ़ रहैक । ओकरा  सभटा बात कहलिऐक तखन थोड़ेक कालक बाद एकटा पुलिसक जीप आएल आ हमरा लोकनिकेँ अपन-अपन घर पहुँचओलक । एवम् प्रकारेणहम प्रकाशजीक संगे लगभग ६ साल धरि सुख-दुखमे संगे रहि दिल्ली डेस्कमे काज केलहुँ ।

गृह मंत्रालयमे कतहु ककरोसँ जँ कोनो काज पड़ैत तँ प्रकाशजी ओकरा  कए लतथि । प्रशासनसँ जँ कोनो काज पड़ैत तँ ओ ओकरा करबा दितथि । जँ कोनो फाइल नहि भेटि रहल अछि तँ ओ कतहुसँ ताकि अनितथि । कहबाक माने जे प्रकाशजी दिल्ली डेस्क आ हमर समस्यासभक समाधान करबामे माहिर छलाह । क्रमश: हुनकर दक्षताक ततेक प्रचार भए गेल जे कैकटा वरिष्ठ अधिकारीसभ हुनकर माङ करए लगलाह । बहुत मोसकिलसँ हुनका अपना संगे राखि सकलहुँ । काज तँ ओ करबे करथि संगहि हुनकर स्वभाव सेहो बहुत मृदुल छल,व्यक्तित्वमे नम्रता भरल छल ।सभसँ ऊपर हमरा प्रतिए व्यक्तिगतरूपसँ ओ निष्ठावान छलाह । हुनकापर हम आँखि मुनि कए विश्वास कए सकैत छलहुँ । एहन लोक आइ-काल्हि कतए पाबी ?

दिल्ली डेस्कमे सन् १९९३-९७क बीचमे लगभग चारि साल प्रकाशजी हमरा संगे काज केलथि । तकरबाद हम लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज दिल्लीमे प्रतिनियुक्तिपर चलि गेलहुँ । दू सालक बाद जखन हम गृह मंत्रालय लौटलहुँ तखन फेर हमर पोस्टींग दिल्ली डेस्कमे भए गेल आ एकबेर फेर प्रकाशजी हमर पी.ए. भए गेलाह । मुदा दूसालक अंतरालमे हुनकामे आ दिल्ली डेस्कमे बहुत परिवर्तन भए गेल छल । तथापि हुनका हमरा प्रति सिनेह ओहिना रहनि। हमर काज ओ ओहिना तत्परतासँ करैत छलाह । मुदा हमरा अपने आब दिल्ली डेस्कमे मोन नहि लगैत छल । तत्कालीन संयुक्त सचिव स्वर्गीय जलालीजीक व्यवहारसँ हम तंग भए गेल रही । तेँ बहुत प्रयाससँ हम ओतएसँ अपन बदली करा एन.इ.(नार्थ इस्ट) डेस्क चलि गेलहुँ । एहि तरहे प्रकाशजीसँ सेहो हम फराक भए गेलहुँ । मुदा तकर बादो ओ हमरा समय-समयपर भेटैत रहैत छलाह । अखनो कखनो काल हुनकासँ गप्प-सप्प भए जाइत अछि। आब तँ ओ वित्त मंत्रालयमे आप्त सचिव(प्राइभेट सेक्रेटरी) भए गेल छथि । हुनकर पारिवारिक जीवन बहुत सुखि अछि । हुनकर पुत्र बहुत प्रतिभाशाली छथि आ युट्युबपर हुनकर कैकटा कार्यक्रमसभ देखबामे आबि जाइत अछि ।