श्री प्रकाशचंद्र पाण्डेय
श्री
प्रकाशचंद्र पाण्डेयसँ हमर पहिलबेर भेंट भेल जखन ओ दिल्ली डेस्कमे हमर व्यक्तिगत
सहायक(पीए)क रूपमे काज शुरु केलनि । ओ नौकरी शुरुए केने छलाह आ हमरासंगे हुनकर ई
पहिल पोस्टींग रहनि । हुनकासंगे हुनकर पिता सेहो आएल रहथि,जेना
छोटनेना संगे ओकर अभिभावक इसकूल जाइत छथि। ओ सभ
उत्तराखंडक रहनिहार छथि । हुनकर पिता सेहो सरकारी सेवामे रहथि । इन्टर
पास करिते ओ आशुलेखन सिखि लेले रहथि जाहिसँ हुनका कर्मचारी चयन आयोगक माध्यमसँ ई
नौकरी भए गेलनि ।
शुरुमे
प्रकाशजीकेँ नौकरी करबामे दिक्कति होनि । हम कैकबेर तमासइतो छलिअनि । कैकबेर रुसि
कए ओ घर बैसि जाथि । तखन हुनकर पिता संगे आबि कए हुनकर मनोवल बढ़ाबथि । एहि तरहें
हुनकर काज आगु बढ़ल । क्रमश: ओ काजसभ सिखैत गेलाह
। बादमे तँ ओ ततेक पारंगत भए गेलाह जे एकबेर जे टंकित करथि तकरा दोबारा देखबाक
काज नहि रहैत छल । साइते कहिओ कोनो गलती भेटैत । सरकारी काजक अतिरिक्त हमर कैकटा
व्यक्तिगत काजसभ सेहो ओ बहुत मनोयोगपूर्वक करथि । हम किछुदिन ट्युशन करैत छलहुँ । प्रकाशजी
विद्यार्थीक हेतु नोटसभेँ टाइप कए देथि । आओरो कैक तरहें ओ मदति करथि । मधुबनीक
मकानकेँ खाली करेबाक हेतु ककरा-ककरा ने चिठ्ठी लिखल गेल । ताहूमे ओएह हमरा मदति
करथि । एकबेर कहबाक काज-जे फलानक नामे चिठ्ठी बनाउ । तकर आधाघंटाक बाद सजल-धजल
चिठ्ठी भेटि जाइत ।
कैकदिन
एहन होइत छल जे हम आ प्रकाश काज करैत रहैत छलहुँ आ सौंसे कोठरी खाली भए गेल रहैत ।
संसद सत्रक समयमे एहन होइत रहैत छल । हमरा लोकनिक पासमे बहुत काज रहैत छल । कतबो
प्रयास कएलाक बादो राति भइए जाइत चल । कारण जखन दिल्ली सरकारसँ जानकारी अबैत तकरबादे संसदीय प्रश्नक
जबाब बनाओल जाइत । सभटा काज करैत-करैत कैकबेर दूपहर राति भए जाइत । घर वापस हेबाक
कोनो साधन नहि रहैत छल । ओना बेसी राति भेलाक बाद कार देबाक व्यवस्था रहैक मुदा ओ
बेसीकाल कारगर नहि भए पाबैत छल । जँ कहिओ काल कार भेटिए गेल तँ ओ जिलेबी जकाँ
घुमैत कैकगोटेकेँ पहुँचबैत चलैत । ओहिमे तँ आओर देरी भए जाइत छल । एकबेर रातुक
बारहसँ बेसी भए गेल छल । हम आ प्रकाशजी नार्थ ब्लाकक सामनेमे दिल्ली पुलिसक जीपक
बाट तकैत रही जे हमरासभकेँ घर पहुँचबैत। मुदा संवादप्रेषणमे कोनो गड़बड़ीक कारण
जीप नहि आबि सकल आा हम दुनूगोटे बाटे तकैत रहि गेलहुँ । बहुत मोसकिलसँ राष्ट्रपति
भवनबला द्वारिक आगुमे १०० नंबरबला एकटा जीप ठाढ़ रहैक । ओकरा सभटा बात कहलिऐक तखन थोड़ेक कालक बाद एकटा
पुलिसक जीप आएल आ हमरा लोकनिकेँ अपन-अपन घर पहुँचओलक । एवम् प्रकारेणहम प्रकाशजीक
संगे लगभग ६ साल धरि सुख-दुखमे संगे रहि दिल्ली डेस्कमे काज केलहुँ ।
गृह
मंत्रालयमे कतहु ककरोसँ जँ कोनो काज पड़ैत तँ प्रकाशजी ओकरा कए लतथि । प्रशासनसँ जँ कोनो काज पड़ैत तँ ओ
ओकरा करबा दितथि । जँ कोनो फाइल नहि भेटि रहल अछि तँ ओ कतहुसँ ताकि अनितथि । कहबाक
माने जे प्रकाशजी दिल्ली डेस्क आ हमर समस्यासभक समाधान करबामे माहिर छलाह । क्रमश: हुनकर
दक्षताक ततेक प्रचार भए गेल जे कैकटा वरिष्ठ
अधिकारीसभ हुनकर माङ करए लगलाह । बहुत मोसकिलसँ हुनका अपना संगे राखि सकलहुँ । काज
तँ ओ करबे करथि संगहि हुनकर स्वभाव सेहो
बहुत मृदुल छल,व्यक्तित्वमे नम्रता भरल छल
।सभसँ ऊपर हमरा प्रतिए व्यक्तिगतरूपसँ ओ निष्ठावान छलाह । हुनकापर हम आँखि मुनि कए
विश्वास कए सकैत छलहुँ । एहन लोक आइ-काल्हि कतए पाबी ?
दिल्ली
डेस्कमे सन् १९९३-९७क बीचमे लगभग चारि साल प्रकाशजी हमरा संगे काज केलथि । तकरबाद
हम लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज दिल्लीमे प्रतिनियुक्तिपर चलि गेलहुँ । दू सालक बाद
जखन हम गृह मंत्रालय लौटलहुँ तखन फेर हमर पोस्टींग दिल्ली डेस्कमे भए गेल आ एकबेर
फेर प्रकाशजी हमर पी.ए. भए गेलाह । मुदा दूसालक अंतरालमे हुनकामे आ दिल्ली डेस्कमे
बहुत परिवर्तन भए गेल छल । तथापि हुनका हमरा प्रति सिनेह ओहिना रहनि। हमर काज ओ ओहिना
तत्परतासँ करैत छलाह । मुदा हमरा अपने आब दिल्ली
डेस्कमे मोन नहि लगैत छल । तत्कालीन संयुक्त सचिव स्वर्गीय जलालीजीक व्यवहारसँ
हम तंग भए गेल रही । तेँ बहुत प्रयाससँ हम ओतएसँ अपन बदली करा एन.इ.(नार्थ इस्ट)
डेस्क चलि गेलहुँ । एहि तरहे प्रकाशजीसँ सेहो हम फराक भए गेलहुँ । मुदा तकर बादो ओ
हमरा समय-समयपर भेटैत रहैत छलाह । अखनो कखनो काल हुनकासँ गप्प-सप्प भए जाइत अछि।
आब तँ ओ वित्त मंत्रालयमे आप्त सचिव(प्राइभेट सेक्रेटरी) भए गेल छथि । हुनकर
पारिवारिक जीवन बहुत सुखि अछि । हुनकर पुत्र बहुत प्रतिभाशाली छथि आ युट्युबपर
हुनकर कैकटा कार्यक्रमसभ देखबामे आबि जाइत अछि ।
Thank u Sir for still remembering me. I'm always grateful for your teachings to become a good officer
जवाब देंहटाएंNice memories.
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