मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

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गुरुवार, 17 मई 2018

अनुत्तरित प्रश्न ???






अनुत्तरित प्रश्न ???



आमंत्रित हुआ हूँ,मैं बार-बार

उत्तर देने के लिये,

वही प्रश्न-

जो है गूढ़ और गंभीर

श्रिष्टि के आदिकाल से,

जिस पर चल रहा है विवाद,

और समाधान आजतक हो नही सका



प्रश्न हे आज भी अनुत्तरित,

कैसे और क्या दे सकता था ?

उत्तर उन प्रश्नों का।

प्रयत्न तो किया था, कर भी रहा हूँ,

कि सोच लूँ,

अपने लिये ही सही,

कोई भी समाधान



पर मैं यह भी नहीं कर सका ,

विवाद जो जुड़ा है,

मनुष्य की अस्मिता से, चलता ही रहेगा ।



जबतक रहेगा यह समाज,

और स्वनिर्मित इसकी मान्यताएँ

लोग इसी तरह रहेंगे,

 किंकर्तव्यविमूढ़, समस्याग्रस्त

स्वनिर्मित सीमाओं को, नियमो,प्रतिवंधो को,

तोड़ने के लिये, विवश और कृतसंकल्प ।

४.१०.१९९३

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