आजादक अन्त्येष्टि
२७ फरबरी १९३१केँ इलाहाबादक एलफ्रेड पार्कमे
(जेकर नाम आब चन्द्रशेखर आजाद पार्क राखि देल गेल अछि) आजादक मृत्यु पुलिसक संग
भेल मुठभेड़मे भेलैन। हुनक दाह-संस्कार दोसर दिन गंगाक रसूलावाद बाटपर कएल गेल।
गुप्तचर विभागक उपलेख, स्वर्गीय शिवनायक मिश्रक
संस्मरण तथा महामना मदनमोहन मालवीयक प्रपौत्र श्री पद्मकान्त मालवीयसँ ओइ घटनाक
जानकारी होइछ।
पं. शिवनायक मिश्र, आजादक निकटक सम्बन्धी
छला। ओ बनारसमे छला आ हुनका ऐ काण्डक सूचना श्रीमती कमला नेहरू द्वारा पठौल गेल
संवादवाहक द्वारा ११ बजे रातिमे भेटलैन। रातिमे इलाहावाद एबाक साधनक अभावक कारणेँ
ओ प्रात:काल छोटी लाइनक गाड़ीसँ इलाहाबाद एला। आनन्द भवन गेलाक बाद कमला नेहरूसँ
पता लगलैन जे आजादक लाशक पोस्टमार्टम भऽ रहल छैन।
टमटमपर (इक्कापर) ओ अस्पताल गेला, जेतए पता लगलैन जे लाशकेँ
पोस्टमार्टमक पछाइत दाह-संस्कारक हेतु पुलिस लऽ गेल। पोस्टमार्टम मोहनलाल आ
कर्नल टाउनसेन्ड कएलैन। मिश्रजी तुरन्त जिलाधीशक ओतए गेला, जेतए जिलाधीशसँ हुनक गम्भीर
बाता-बाती भऽ गेलैन। जिलाधीशक कहब रहैन जे अहाँ अपन सम्बन्धीकेँ एतबा दिन
अबारागर्दी करबसँ किएक नहि रोकि सकलौं? अन्ततोगत्वा ओ दारागंजक
थानेदारकेँ आदेश देलक जे पुलिसक देख-रेखमे हुनका आजादक अन्त्येष्टि करबाक अमुमति
देल जाए।
आजादक अन्त्येष्टिक समय श्री पद्मकान्त मालवीय
उपस्थित छला। हुनका अनुसारेँ २७-२८ फरबरीक रातिमे पं. मदनमोहन मालवीय हुनका फोनपर
कहलखिन जे चूँकि आजाद एकटा वीर आ क्रान्तिकारी लोक छला तँए हुनक संस्कारो ओही
तरहक हेबाक चाही। राजर्षि टंडनक सहयोग लेबाक परामर्श सेहो ओ देलखिन।
श्री पद्मकान्त मालवीय आ श्री शिव विनायक मिश्र
जिलाधीशक आदेश दारागंजक थानेदारकेँ पढ़ि सुनौलखिन। ओ हुनका लोकनिकेँ संगमपर लऽ
गेलखिन, मुदा ओतए किछु नहि भेटलैन।
ओइठामसँ लौटैतकाल तुलारामवागमे एकटा छात्र नेता कहलकैन जे आजादक लाश रशूलबाद घाटपर
गेलैन अछि। ओइठामसँ ओ लोकनि रशूलबाद पहुँचला।
मालवीय आ मिश्रजी जखन रशूलबाद पहुँचला तँ चितामे आगि
लगा देल गेल छल। ओहीठाम एकटा पुलिस इन्सपेक्टरसँ ओ लोकनि बेर-बेर आग्रह केलखिन, जे ओ लाश हुनका लोकनिकेँ दए
देल जाइन। मुदा ओ इन्सपेक्टर समय काटक हेतुए अनेकानेक प्रश्न पुछैत रहल। ताधैर
आजादक आधा लाश जरि चूकल छेलैन। तेकर बाद ओ लाशक संस्कार करबाक अनुमतिमे विलम्ब
होइत देख मिश्रजीकेँ नहि देखल गेलैन। ओ बाजि उठला-
“अंग्रेजक नून खाइत-खाइत तोहर
आत्मा सेहो बिका गेलह की? आजादक संस्कार ओइ सरकारक
पैसासँ कदापि नहि भऽ सकैत अछि। जेकर विरोध करैत-करैत ओ अपन प्राणक आहुति देलैन।”
एकर बाद शिवकान्त मिश्र आ पद्मकान्त मालवीय दुनू
गोटे मिलि कऽ चिताकेँ मिझौलैथ। फेर शास्त्रीय विधान आ मंत्रोच्चारक संग चितामे
आगि देल गेल। ताधैर पुरुषोत्म दास टंडन आ
श्रीमती कमला नेहरू सेहो ओतए आबि गेल रहैथ। जल देमक समय एकटा फोटोग्राफर फोटो लेलक
मुदा पुलिस ओकर कैमरा आ ओकर रील दुनू छीनि लेलक। अन्तमे शिवनायक मिश्र अस्थि
संचय कए ओकर किछु भागकेँ गंगामे प्रवाहित केलैन। एकटा पोटरीमे भष्मावशेषकेँ
वएह वनारस लऽ गेला।
मूलत: आजादक संस्कार संगमपर करबाक निश्चय कएल गेल
छल। मुदा ओतए बहुत अधिक दर्शकक भीड़ लागि जेबाक भयसँ ओ सभ अपन निर्णयकेँ अन्तिम
क्षणमे परिवर्तित कएलैन। दाह-संस्कारसँ आपस भेलापर शिवविनायक मिश्र टंडनजीक ओइठाम
एला। आ टंडनजीक निर्देशानुसार आपस हेबाकाल छात्र संघक तत्वावधानमे एकटा विशाल
जुलुसक आयोजन भेल। सम्पूर्ण शहरमे अपूर्व तनाव छल। कखनौं किछु भऽ सकैत छल। ऐ स्थितिसँ
निपटबाक हेतु शहर भरिमे सशस्त्र पुलिसबल नियुक्त कए देल गेल छल।
सायंकाल अभ्युदय प्रेस लगसँ एक विशाल जुलुस निकलल
जइमे हजारो युवक, स्त्री तथा पुरुष शामिल
भेला। ऐ हेतु टंडनजीक दृढ़ समर्थन सहायक सिद्ध भेल। ओ ललैक कए कहलखिन-
“आजादक रास्ता भने हमरा
लोकनिसँ पृथक रहल होनि, मुदा ऐमे कोनो दूटा विचार
नहि भऽ सकैत अछि जे ओ एक महान देशभक्त छला, आ तँए हुनक सम्मानमे जुलुस
सभ आदि नहि करब एक बड़ पैघ राष्ट्रभक्तक अपमान करब होएत।”
जुलुसमे आजादक भष्मावशेष एकटा कारी कपड़ामे बान्हि
चौकीपर राखि घुमौल गेल।
जानसेनगंज मुहल्लामे लोकक जमघट अनियंत्रित भऽ गेल आ
पुलिस डरे मुँह तकैत रहल। तदुपरान्त पी.डी. पार्कमे सभा भेल जइमे पुरुषोत्तम दास
टंडन, कमला नेहरू, प्रसिद्ध क्रान्तिकारी
श्री सचिन्द्रनाथ सन्यालक पत्नी आ पं. शिव विनायक मिश्र बजला। सभ गोटे आजादक
महान त्यागक प्रशंसा करैत हुनक हार्दिक श्रर्द्धांजलि देलाह।
ऐ प्रकारे भारतक एकटा महान सपूत आजादीक हेतु लड़ैत
सदैत आजाद रहैत आत्म बलिदान कएल। जइ गाछक औढ़मे ओ गोली चलौलैन किंवा अन्ततोगत्वा
सीनामे गोली लगलैन, ओही गाछक दर्शन करक हेतु लोक
हजारक-हजार संख्यामे आबए लागल। जइसँ तंग भऽ अंग्रेज शासक ओकरा कटबा देलक। आइ-काल्हि
ओहीठाम एकटा दोसर पाकरिक गाछ रोपल अछि आ ओकर सामनेमे अछि आजादक भव्य मूर्ति जइमे
हुनक एकटा हाथ मोँछपर आ दोसर हाथ पिस्तौलपर अछि। ऐठाम अखनौं हजारो लोक हुनका
प्रति अपन सम्मान अर्पित करबाक लेल अबैत रहैत अछि। सरिपहुँ आजाद भारतक आजादीक
लड़ाइमे प्राणक आहुति दए अमर भऽ गेला।
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रबीन्द्र नारायण मिश्र
ग्राम : अड़ेर डीह
पो. : अड़ेर हाट
जिला : मधुबनी (बिहार)
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