मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

मंगलवार, 19 जनवरी 2021

जन्मभूमि

 

जन्मभूमि

कहबी चेक जे केओ अपन जन्म आ मृत्यु नहि चुनि सकैत अछि । ई सभ पूर्वनिर्धारित होइत अछि । के कतए ,कखन आ कोन परिवेशमे जन्म लेत ताहिमे ओकर कोनो योगदान नहि रहैत छैक । ओ अपन प्रारव्धक अनुसार एहि दुनिआमे अबैत अछि आ ओहिना चलि जाइत अछि । हम चौठचंद्रक दिन सन् १३६० सालमे अड़ेर गाममे एकटा सुखित परिवारमे जनमल रही । ओहि समयमे लोक चंद्रमाकेँअर्घ देबाक तैयारी करैत रहए । ताहिसँ किछुए काल पूर्व हमर जन्म भेल रहए । हम अपन माता-पिताक छठम संतान रही । ओहिसँ पूर्व हुनकासभकेँ पाँचटा बेटीए रहनि । तेँ परिवारमे बहुत आतुरतासँ बेटाक प्रतीक्षा कएल जा रहल छल । हमर दाइ तँ पोताक बाट तकैत-तकैत चारिम पोतीक जन्मक बाद मामूली बिमारीसँ अकाल कालक गालमे विलीन भए गेल रहथि । सोचल जा सकैत अछि जे हमर जन्मक समय सभगोटे कतेक प्रसन्न रहल होएताह । ओहि समयमे परिवारक आर्थिक हालत बहुत नीक रहैक । बाबा खेती-बारी करैत छलाह ।  ओहिसँ पर्याप्त उपार्जन होनि । हमर मातृक (सिंघिआ ड्योढ़ी) सेहो बहुत संपन्न छल । हमर माए(स्वर्गीय दयाकाशी देवी) सेहो बहुत संपन्न परिवारक रहथि । अपन माता-पिताक एकमात्र संतान रहथि । हमर नाना(स्वर्गीय राम प्रसाद झा)क मृत्यु माएक जन्मसँ किछु मास पूर्वहि भए गेल रहनि । मुदा ओहि समयक कानूनक हिसाबे हुनका अपन पैतृक संपत्तिमे उचित हिस्सा नहि देल गेलनि । कारण अंग्रजेकक बनाओल कानूनक अनुसार जँ परिवारमे बेटा नहि भेल तँ बेटीकेँ ओहि संपत्तिक उत्तराधिकारी नहि मानल जाइ । ओ संपत्ति दोसर फरिकेनकेँ भए जाइ आ मसोमातकेँ खोरिस मात्र देल जानि । हमरो नानीकेँ कमोबेस सएह हाल रहनि । हमर बाबू बादमे मोकदमा केलाह तँ आपसी समझौताक बाद किछु जमीन हमर नानीकेँ देल गेलनि । एहि तरहेँ गामक आ मात्रिक,दुनूठामक संपत्ति मिला कए बाबूकेँ पर्याप्त संपत्ति रहनि जे ओ बँचा नहि सकलाह आ बादमे पहुत परेसानीमे पड़ि गेलाह ।

हमर  जन्मक बाद हमर तीन भाइक जन्म भेलनि । एहि तरहें हमसभ नओ भाइ-बहिन रही । वाल्यावस्थामे हमरसभक समय बहुत नीक कटल । खूब खेलाइ, खूब  पढ़ी । परिवारमे नेनासभकेँ बहुत देख-रेख होइत छल । बादमे बाबा बूढ़ होइत गेलाह । खेतसभ बटाइ लागि गेल ।ओहिसँ उपार्जन कम होइत गेल । बहिनसभक बिआह -द्विरागमन तँ दस-बारह साल धरि लगातार होइते रहल । खेतसभ साले-साल बिकाइत चलि गेल । तकर बाद तँ तेहन हालति भेल जकर कल्पनो हमरा परिवारमे केओ नहि केने रहल होएत । मुदा से भेल ।हम बी एस.सी केलाक बाद पढ़ाइ छोड़ि कए सरकारी नौकरीमे चलि गेलहुँ । हमर छोट भाइसभ सेहो परिवारक परिस्थितिसँ परेसानीमे पड़ि गेलाह । सभ जेना-तेना सालोंक संघर्ष केलाक बाद ओहिसभसँ उबरि सकलाह आ आब सभ ठीक-ठाक चलि रहल छथि । लगैत अछि जेना एकटा दुस्वप्न देखलाक बाद सभक निन्न टुटि गेल होनि आ सभ राहत महसूस कए रहल छथि । साइत ई सोचि कए जे जे भेल तकर बिसरि कए आगु  बढ़ल जाए । ताहीमे सभक कल्याण थिक ।

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