एहनो होइत छैक
हम अङनेमे रही कि एकटा अधबएसू
गलामे कंठी पहिरने उतरबरिआ घरबैआक ओहिठाम दूध देबए आएल रहए । ओकरा हम पहिनो देखने
रहिऐक । मुदा एहिबेर बहुत दिनक बाद आएल छल । आङनमे लोकसभ किछु -किछु फुसफुसाएल ।
ओकरा गेलाक बाद बात परिछबैत केओ कहलकैक-
“जहल काटि कए आबि गेलैक ।”
चौदह साल धरि आजन्म कारावास
कटलाक बाद ओ गाम घुरि आएल छल । ओकरा संगे दूटा आओर जहल काटि रहल अपराधीसभ सेहो अपन
घर घुरि आएल छल । तकर बाद तीनूगोटे अपन उजरल-उपटल दुनिआकेँ फेरसँ सोझ करबामे लागि
गेल । समाजो आब ओकरासभकेँ स्वीकार कए लेलकैक । मालिकसभक खेतमे ओसभ बोनि करैत छल ।
एक टोलसँ दोसर टोल निर्वाध अबैत जाइत छल। समय लोकक मोनक घावकेँ भरि देने रहैक । जे
फेर कहिओ घुरि नहि आएलि से आब लोककेँ बिसरा गेलि । लोककेँ इहो मोन नहि रहलैक जे ई
तीनू निर्दयी कोना ओकरा गछारि कए कलममे एकसरि पाबि अत्याचार केने रहैक आ अपन जान
बचाबए लेल ओकरा मारिओ देने रहैक । कोना ने लोक बिसरि जइतैक? ओ कोनो
दिल्लीक समाज नहि छलैक जकरा टेलीवीजन फेर-फेर मोन पाड़ितैक । जतए बेर-बेर जुलुस
निकलितैक । जतए न्यायालयमे न्यायक फरिआदीक पक्षमे हजारों लोक ठाढ़ भए जइतैक । ई तँ
एकटा छोटसन गामक बात छलैक। कहि नहि पहिनो एहन घटनासभ होइत रहल होइक आ लोक गब्धी
लादि देने रहल होअए ।
ई घटना कम सँ कम अड़तालीस
वर्षक थिक । हमर गाम लगक टोलक एकटा युवती अपना घरसँ दू माइल फटकी दोसर टोलपर बैन
पहुँचाबए गेल रहथि । रस्ताक बीचमे कलम पड़ैत छलैक । ओहिठाम तँ गाम-घरक लोकसभ घास
काटए किंवा आन-आन काजे अबिते रहैत छल । ओहुना गामक लगीचेक बात रहैक । तेँ ओ युवती
निधोख ओहीबाटे बैन पहुँचा कए वापस होइत रहए । कलममे दूटा छौंडा़क ध्यान ओकरापर
पड़लैक । ओहोसभ ओकरे टोलक रहैक । तेँ सामने आबि गेलाक बादो ओहि युवतीकेँ मोनमे
कोनो अंदेशा नहि भेल होएतैक । मुदा ओकरासभक मोनमे तँ दुष्टता आबि गेल रहैक । ओ सभ
ओकर रस्ता रोकलक । कहि नहि की-की कहलक ? अपना भरि ओ युवती बहुत विरोध केलकैक ।
खुरपी लए कए कैक बेर ओकरा सभपर आक्रमणो केलकैक । मुदा ताबे ओ अधबएसू सेहो कतहुसँ
पहुँचि गेल । ओहो दुनूगोटेक संग भए गेल । युवती असगरि पड़ि गेलि । तीनूगोटे ओकरासंगे
गलत काज केलक । ततबे नहि । कहाँदनि ओ तकर बाद अधबएसू कहलकैक-
“एना जँ एकरा
वापस जाए देबही तँ ककरो जानो बँचतौक?”
“तखन की कएल
जाए?”
“एकरा खतम कर ।
तखने बँचि सकैत छैं ।”
यौ बाबू! तीनूगोटे मिलि कए ओही खुरपीसँ ओकर नरेठी काटि
देलक आ भागि गेल ।
जखन बहुत काल धरि ओ युवती घर
वापस नहि गेल तँ ओकर माता-पिताकेँ चिंता भेलैक । सौंसे लालटेन लेने तकने फिरए ।
कतहुँ कोनो भाँज नहि लगैक । बैन तँ ओ सही समयपर पहुँचा देने छलि । तकर बाद वापसो
चलि गेल छलि । तखन गेल कतए?
राति भरि ओकर माए-बाप आ
गौंवासभ ओकरा तकैत रहि गेल । मुदा ओकर किछु पता नहि चलि सकल । भोरे अन्हरोखे किछु
चरबाहसभ महीष चराबए निकलल । महीष चरबैत-चरबैत ओहिमे सँ केओ कलम दिस गेल कि एकटा
महिलाक अर्धनग्न रक्तरंजित लास पड़ल देखि चिचिआ उठल । ओकरा चिचिआइत देखि आओर
चरबाहसभ दौड़ल । देखिते-देखिते ई बात
चारूकात पसरि गेल । केओ ई बात ओकर पिताकेँ
सेहो कहलकैक । ओ किछुगोटेक संगे दौरल ओहिठाम आएल । बेटीक लास ओहि हालतिमे देखि ओ
ठामहि बेहोश भए गेल । लग-पासमे ठाढ़ लोकसभ ओकरा हवा केलक,पानि पिओलक ।
होश अबितहि ओ भोकासी पाड़ि कए कानए लागल । एतबेमे ओकर माए सेहो दौड़ल आबि गेलैक ।
तकर बाद जे दृश्य उपस्थित भेल,जाहि तरहसँ ओ दुनू बेकती
कन्ना-रोहटि केलक से ककरो हृदयकेँ विदीर्ण कए सकैत छल । सोचल जा सकैत अछि जे एकटा
माता-पिताकेँ एहन परिस्थितिमे कतेक कष्ट भए सकैत छैक । ओहो तखन जखन हत्यारा
तीनूगोटे ओकरसभक पूर्वपरिचित रहैक । ओ अधबएसू तँ मृत महिलाक पिताक घनिष्ट लोक छलैक
। मुदा मनुक्ख जखन राक्षस भए जाइत अछि तखन आओर की उमीद कएल जा सकैत अछि? थोड़बे कालमे पुलिस आएल ।
लग-पासमे रहैत लोकसभसँ भेल पूछताछक आधारपर दोषी तीनू व्यक्ति पकड़ल गेल ।
ओकरासभकेँ अड़ेर उच्च विद्यालयक दछिनबरिआ कोठलीमे बंद कए देल गेल । चारूकात लोकक
करमान लागि गेल । गाम-गामसँ आबि कए लोकसभ अबैत रहल आ दोषीसभकेँ देखैत रहल । जकरा
जे मोनमे अबैक से बजैत रहल । लासकेँ पुलिस मधुबनी लए गेल । तीनू अपराधीसभकेँ पुलिस
पकड़ि कए बेनीपट्टी थाना लेने चलि गेल । क्रमशः लोकक भीड़ सेहो छटि गेल । मुदा मृत महिलाक माता-पिता बड़ीकाल
धरि छाती पिटि-पिटि कनैत रहि गेल ।
“हे भगवान! एहन अन्याय किएक
भेल?”
मृत महिलाक पिताकेँ हमसभ
नेनेसँ जनैत छलिऐक । ओ हमर लालबाबा(बाबाक छोटभाए)क ओहिठाम काज करैत छल । उघारेदेहे ,ठेहुन धरि धोती पहिरने ,कनी-कनी दाढ़ी बढ़ल माथमे
आधासँ बेसी केस पाकल -इएह छल ओकर बगए । भोरे बरद लए खेतपर
जाइत । दुपहरिआमे वापस भेलाक बाद केराक पातपर आङनक मुहथरिपर भोजन करैत । गमछामे
बोनि बान्हैत आ अपन घर वापस चलि जाइत ।
बीचमे जलखै लए कए लालबाबा खेतपर जाइत छलाह । थाकल ठेहिआएल ओ जखन काज खतमकए
दनानपर अबैत तँ सभसँ पहिने बरदसभकेँ पानि पिआबैत । ओकरासभकेँ खेबाकजोगार करैत । तकरबादे अपने भोजन
करैत । हमसभ कतेको बेर ओकर कोरामे चढ़ल
रही । ऐतेक परिश्रमक बादो ओ सदति प्रसन्न देखाइति छल । मुदा एहि दिर्घटनाक बाद ओ
कहिओ हँसैत नहि देखाएल । काजपर जाएब तँ ओकर मजबूरी छलैक । मुदा ओकरामे ओ रोहानी फेर
कहिओ नहि वापस आएल । कतेको बेर ओकरा रहि-रहि कए बेटीकसंग भेल अत्याचारक कारणकनैत
देखिऐक । अफसोचक बात थिक जे अपरोधीमेसँ एकटाक पिता हमरे ओहिठाम काज करैत छल । ओ अधबएसू
अपराधी तँ हमर काकाक ओहिठाम दूध देबाक हेतु अबैत-जाइत रहैत छल । जाहिर बात छैक जे
ओ सभ एक-दोसरकेँ जनैत रहल होएत । तखनो एहन काज कए गेल । संभवतः ओकरासभकेँ भेलैक जे
जान-पहिचानक बात छैक । जँ ओकरा जीबैत छोड़ि देबैक तँ फँसि जाएब । अपनाकेँ बचाबक
चक्करमे ओहि निर्दोष महिलाक ओ सभ हत्या कए देलक ।
आखिर मामिला न्यायालयमे गेल ।
तीनू दोषी साबित भेल आ सभकेँ आजन्म जेलक दंड देल गेल । जेलमे रहितो ओ सभ कहिओ-कहिओ पेरोलपर गाम अबैत छल ।
लोकसभ ओहिबातसभकेँ ताधरि बिसरि गेल छल ।
अपराधीमेसँ दूगोटे बहुत गरीब
परिवारक छल । ओकरासभकमोछक पम्ह निकलिए रहल छल । भए सकैत अछि जे जबानीक जोशमे आबि
गेल । मुदा ई अधबएसू? एकरा की कहबैक । चालीससँ बेसिए बएस रहल हेतैक । गलामे कंठी
बन्हने छल । आर्थिक रूपसँ सेहो ठीक-ठाक छल । केओ सोचिओ नहि सकैत छल जे एहि तीनूगोटेमेसँ
सँ केओ एहन जघन्य अपराध कए बैसत । मुदा सभसँ सातिर साबित भेल ओ अधबएसू । कहाँ दनि
ओएह दुनू युवककेँ कुकर्म केलाक बाद महिलाकेँ मारि देबाक हेतु प्रेरित केने छल ।
किछु नहि कहल जा सकैत अछि जे ककरा हाथे की कलंक भए जाएत? कम
सँ कम एहि घटनाक बाद तँ सएह सोचाइत छल । कारण ओ सभ अपराधिक प्रवृतिक नहि छल ।
मात्र संयोगवश एहन कुचक्रमे फँसि गेल छल । जे छल मुदा काज तँ बहुत खराप कए गेल छल
।
ग्रामीण समाजमे अपने लोकसभ
द्वारा संभवतः अनचोकेमे कएल गेल ई जघन्य अपराध हमरा अंदरसँ मर्माहत कए देने रहए ।
ओकर किछुए दिनक बाद हमरसभक मैट्रिकक परीक्षा भेल रहए । परीक्षाक तैयारीक बीचमे
रहि-रहि कए ओ बातसभ हमरा मोनमे प्रकट भए जाइत छल । मृत महिलाक पिताक आँखिसँ बहैत
नोर कैकबेर हमरो आँखिसँ निकलि जाइत छल ।
भए सकैत अछि जे जँ ओ कोनो सशक्त व्यक्ति रहैत तँ एहन घटना हेबे नहि करैत,ओ एसगरि पैरे
बैन देबए दोसर टोलपर जेबे नहि करैत । मुदा ओ की जाने गेलैक जे आइ केओ ओकरा गौंवा
राक्षस बनल कलम लग ठाढ़ रहतैक । ओ तँ ओहिठाम निरंतर जाइते-अबैत रहैत छलि । ओकर नैहरक गाछ- बृच्छ,घास-पात सभ ओकर
रखबार छलैक । ओकर अपन छलैक । तखनो केओ
ओकरा बँचा नहि सकल । भए सकैत अछि जे जँ ई घटना दिल्लीसन महानगरमे भेल रहैत तँ ओकर पिताकेँ पर्याप्त
मदति होइतैक,सरकारी आश्रय भेटितैक । मुदा ओ बात तँ एकटा
सुदूर देहातमे भेल रहैक । के सुनैत,ककरा कहतैक? मृत महिलाक पिता ओहिना हरबाही करैत -करैत हृदयमे दारूण दु सहैत एकदिन चुपचाप एहि दुनिआसँ चलि
गेल । ओ तँ चलि गेल मुदा हमर मोनमे सभदिनक हेतु अथाह कष्ट भरि गेल । नेनामे ओकर
सिनेहकेँ हम नहि बिसरि सकलहुँ ,ने बिसरि सकलहुँ ओकर दुखद अंतकेँ
। मुदा ई समय थिक । कतए सँ कतए पहुँचि गेल । ओहि घटनाक लगभग पाँच
दसक भए गेल । मुदा हमर मोन अखनो कखनो काल कए व्याकुल भए जाइत अछि । कहि उठैत
अछि-एना नहि हेबाक चाहैत छल । बहुत गलत भेल ,आदि,आदि ।
एहने घटना दिल्लीमे सेहो घटल
रहैक । लेडी हार्डींग मेडिकल कालेज नई दिल्लीक एकटा कर्मचारी अपने बेटीक संगे
वलात्कार कए देने रहैक । चौदह वर्षक आजन्म कारावास काटि ओ नहि आएल छल । ओ
कोट-कचहरीमे तिकरिम कए जेना-तेना छुटि गेल छल । तकर बाद लेडी हार्डींग मेडिकल
कालेज दिल्लीमे कर्मचारी युनिअनक समर्थनसँ फेरसँ
काज करए आएल छल । नौकरीमे ओ फेरसँ बहालो भए गेल छल । मुदा ओहिठामक सजग समाज
,विद्यार्थी,
आध्यापक सभ आंदोलन कए देलक । प्रशासनकेँ साफ-साफ कहि देलक जे जँ ई
काज करत तँ हमसभ काज छोड़ि देब । कैकटा विभागमे ओकरा समयोजित करबाक प्रयास भेल
मुदा सभठाम ओकरा खिलाफ ओएह आबाज ओहिना आंदोलन शुरु भए जाइक । हारि कए ओ प्रशासनमे
कोनो ठाम खपाओल गेल । बेसक ओ कोर्ट-कचहरीसँ अपनाकेँ बचा लेलक मुदा समाज ओकरा माफ
नहि केलकैक । ओहि समयमे हम ओतए उप निदेशक (प्रशासन)क काज देखैत रही । हमरा नीकसँ
मोन अछि जे कालेज प्रशासनकेँ कतेक मोसकिल भेल रहैक । मुदा गामक समाजमे से
संवेदनशीलता नहि देखाएल । आएल पानि गेल पानि बाटे बिलाएल पानि । जे भेलैक जकरा
भेलैक । बात अएलैक,गेलैक आब तकर कोन हिसाब छैक? फेर गाम॒घरक सामंती व्यवस्थामे तँ
एहन बातसभ होइते रहैत छल । ककर-ककर के हिसाब करैत फिरत? की
पता कहीं दुनू पक्षक घालमेल होइक । तरह-तरहक गप्प-सप्प सुनबामे अबैत रह भोगि । अपराधीकेँ
कानून दंड देलकैक । ओ दंड भोगि कए बेस मोट-सोट भए कए अपन घर वापस भए गेल । आओर
कएले की जएतैक?
किछुसाल पूर्व एकदिन भोरे
अखबार पढ़ैत रही । एकटा आइएएस अधिकारीक बेटीकेँ मुम्बइमे ओकरे फ्लैटमे पैसि कए
सोसाइटीक सुरक्षामे लागल गार्ड बलात्कारक बाद हत्या कए देबाक समाचार मुख्यपृष्ठेपर
छपल छल । ओहि अधिकारीजीकेँ हम जनैत छलिअनि । गृह मंत्रालयमे हमसभ संगे काज केने
रही । ओ बहुत प्रबावशाली व्यक्ति छलाह । बेटी उच्च शिक्षाप्राप्त केलाक बाद
मुम्बइमे काज करैत छलखिन । एतेक अछैत ओकरा अकारण हत्या भए गेल । एकबेर फेर हमर
गामक घटना मोनमे नाचि गेल । की गाम की मुम्बई,की हरबाह की आइएएस सभक बेटीक जान-माल
असुरक्षित भेल अछि । लोक एहन पैशाचिक किएक भए गेल ? हम सोचए
लगैत छी तँ सोचिते रहि जाइत छी - जे मनुक्ख एहनो होइत छैक ।
8.7.2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें