मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

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गुरुवार, 8 फ़रवरी 2018

नर्कक संसद




 


नर्कक संसद


सुनैत जाइ जाउ सभासद सभ। आजुक कार्रवाही प्रारम्भ हेबासँ पूर्व पूर्व सभाक रपट पढ़ल जाएत। तदुपरान्त नवीन सदस्यक उद्घोषणा होयत आ फेर आन-आन कार्यवाही। नवगठित सदनक अध्यक्षताक भार नर्कक वरिष्ठतम सदस्य मनमोहन राउतकेँ देल जाइत अछि।

ई ध्वनि होइत अछि। जनता दिसिसँ आवाज आयल-

अध्यक्षजी अपन परिचय देथि।

मुदा ताबते संसदक सचिव उठलाह-

बेस तँ सुनि लिअ। ई अत्यन्त निष्ठावान, नर्कक वयोवृद्ध आ वरिष्ठतम सहयोगी थिकाह। हिनका मर्त्यलोकमे फाँसीक सजाय भेटल छलनि। आ ओतए ई सिद्धहस्त खूनी छलाह। इलाका भरिमे हिनक यश पसरल छल। ओना, हिनकर पुलिस रेकर्ड सभ दिन लाले रहलनि अछि, मुदा एतय अयलाक बादो वो कतेको कीर्तिमान स्थापित करैत रहलाह जाहिसँ यमराजक विशेष आज्ञासँ नर्क लोकमे रहबाक अवधि बढ़ैत रहलनि। हिनक दक्षताक सभसँ पैघ प्रमाण तँ इएह थिक जे एहू अवस्थामे नर्क लोकक सभटा सामान ब्लैकमेल कए देल आ ककरो एकर भनकी तक नहि लगलैक। सौभाग्यवश कही वा जे कही, वो सभ सामान तस्करीक छलैक आ मृत्युलोकमे क्यो प्रणी अपन पूर्वजक प्रोन्नतिक हेतु परमात्माकेँ घूस स्वरूप दान केने छल गाया जा कए। चूँकी ई सभ सामन तस्करीक छलैक, तेँ एकरा नर्क लोकसँ गुजरय पड़लैक। वो ट्रान्जीटेमे छलाह। कि एकरा नर्क लोकक चुंगीक सिपाहीकेँ मेन्डेक्सक गोली खुआ निशामे बुत्त कए राउतजी सभटा सामन ब्लैक कए देल। मुदा धर्मराजक खुपिया विभाग बड़ चौकस अछि आ राउतजीक एहि सुकृतिक पुरस्कार भेटलनि। पाँच वर्ष अतिरिक्त नर्क बाससँ।

बाह-बाह...! एकदम सही आदमीकेँ अध्यक्ष बनाओल गेल।

आबाज आयल चारूकातसँ।

ई निश्चय नर्कक गरिमा बनओताह। थपड़ीक गड़गड़ाहटक बीचमे अध्यक्ष महोदय आसन ग्रहण कएल आ उद्घोषणा कएल-

मान्यवर नर्कवासी लोकनि, अहाँ सभ जे हमर सम्मान कएल अछि से युगानुकूल अछि। कलियुगमे पापक पुरस्कार धड़ाकसँ भेट जाइत छैक। तस्करी करू कोठा पीटू, घूस लिय, इन्जीनीयर जमाय करू। त्याग, तपस्या ओ चरित्रक महत्वक जमाना चल गेलैक। आब तँ लूटि लाउ कटि खाउ। एहि बातमे अहाँ सभ गोटे पारंगत थिकहुँ। ओना, मृत्युलोकक नियम सभ किछु आर थिक। ओतए कानूनक राज थिक, मुदा नामे के। से जँ सत्ते रहैत तँ एहिठाम नर्कमे कतेको भूतपूर्व मुख्यमंत्री नहि पड़ल रहितथि। अहाँ लोकनिक सामने जे मंचपर छथि से मृत्युलोकमे वेस सम्मानित जननेता रहि चूकल छथि। जय-जयकार होइत छलनि हिनकर। मुदा काजक हिसाबे नर्कमे तृतिय श्रेणी भेटल छनि। हुनका नर्कक गेटक रखबारी करबाक भाड़ भेटलनि। हमर कहब जे जहन मृत्युलोकमे सभ किछु दनादन चलिये रहल छैक, तँ नर्कलोक कथि लेल पाछा रहए। एही बातकेँ ध्यानमे राखि कए हम नर्कलोकमे पुन: ब्लैकमेल कएल आ एकर परिणामो अनुकूले भेल।

चारू दिससँ थपड़ी पड़ए लागल। तदुपरान्त सचिव महोदय पूर्व सभाक कार्यवाही सदनक संपुष्टिक लेल प्रस्तुत करए लगलाह-

मान्यवर, पूर्व सभाक प्रमुख-प्रमुख कार्यवाही प्रस्तुत अछि-१. नर्कक बढ़ैत जनसंख्यावृद्धिकेँ देखैत एहिठाम यथाशीघ्र परिवार नियोजन पखवारा मनायल जाए। वस्तुत: मर्त्यलोकमे अपराधक संख्याक भारी वृद्धिक कारणेँ नर्कक संतुलन गड़बड़ायल अछि आ एहिसँ नर्कक वरिष्ठ वासी लोकनिकेँ नाना प्रकारक भयंकर कष्टक सामना करए पड़ि रहल छनि। अस्तु, ई प्रस्ताव पारित भेल जे सामान्य कोटिक पापीकेँ नर्कसँ फराक एकर सीमानसँ बाहरे उपनगरी बनाओल जाए।

(हर्ष ध्वनिक बीचमे लोक प्रस्तावक सहमतिमे थपड़ी पीटैत छथि।)

  नर्कक चाहरदिवारी छोट अछि जाहि कारणसँ स्वर्गलोकसँ कतेको लोककेँ असानीसँ एहिमे फना देल जाइत अछि। हमरा लोकनि एहि तरहक प्रकृयाक घोर विरोध कए रहल छी। संगहि ई प्रस्ताव पारित कएल जाइत अछि जे नर्कसँ ओतबे संख्यामे लोककेँ स्वर्ग जेबाक प्रावधान कएल जाए।

आवाज होइत अछि-

हमरा लोकनि स्वर्ग हरगिज नहि जाएब। हमरा सभकेँ नर्के नीक लगैत अछि। एहिठाम पाकिटमारीक खूब गुंजाइश छैक। स्वर्गमे तँ ककरो पाकिटे नहि छैक। ई प्रस्ताव नहि मंजूर अछि।

सचिव महोदय एकाएक प्रस्ताव सभ पढ़ैत गेलाह आ उपस्थित नर्कवासीगण बेरा-बेरी थपड़ी पीटैत गेलाह। एतबहिमे नर्कक घंटा सभ घनघनाय लागल। पता लगलैक जे नर्कमे एकटा महापापीक प्रवेश भेल अछि। ओकरा यमदूत नाना प्रकारक यातना दए रहल छलैक। मर्त्यलोकमे ओ गम्भीर अपराधी छल। मुदा ओकरा लेल धनसन। नर्कलोकमे एहन यातनाक मध्यो वो कनखी मारैत हँसैत आगू बढ़ैत सभहक अभिनन्दन करैत चलि रहल छल। ताबतिमे नर्कवासीक किछु उचक्का ओकरा गोलिओलक आ ओकरा जेबीमे ओकर संतति द्वारा दान कएल गेल जे किछु कैंचा आ वस्तु छलैक से छीनि लेलक। ओ कनीके आगा बढ़ल की ओकरा अपन कका  नजरिमे अयलैक। ओकरा बड़ आश्चर्य लगलैक। ओकर कका तँ बेस भक्त छलैक। तीन फट्टा चानन करैत छलैक। भोर-साँझ स्नान करैत छलैक। ओ घंटा-घंटा भरि पूजा करैत रहैत छलैक। अरे! ओकर ककाका पाछा तँ एकटा वोर्ड लागल छलैक।

मर्त्यलोकमे ढोंग करबामे कुशल श्री तिवारीजी अपना जीवन कालमे कतेको डकैती वो हत्या काण्डमे सम्मिलित रहला।- भातिज गुम्म।

बाह रे कका! ओहिठाम तँ बेस हवा बनौने छलाह।

संसदक अधिवेशन जोरपर छलैक। नवीन-नवीन सदस्यक परिचय कराओल जाइत छलैक। पण्डालक अग्रभागमे नवीन सदस्य सभकेँ राखल गेल छल। 

ई थिकाह ब्रजमोहन दास। भूतपूर्व मुख्य मंत्री। ई अपन शासनकालमे फुसि बजबाक कीर्तिमान कायम कएल। कहियो बैमानी करबासँ नहि हिचकला। मुदा पहिरन-ओढ़न बेस स्वच्छ सात्त्विक। हिनका नर्कमे स्थायी स्थान भेटलनि अछि। ओना सामान्य कोटिक पापीकेँ दोसर ओ तेसर सालपर कागज-पत्रक समीक्षा होइत छैक। मामलाकेँ फेरसँ जाँच-पड़ताल होइत छैक, मुदा हिनकर मामलामे यमराज एकतरफा निर्णय सुना देल जे ई नर्कक स्थायी सदस्य हेताह आ हिनकर कागज-पत्रकेँ गोपनीय कए देल जाए ताकि चित्रगुप्तक सहायक लोकनि ओहिमे कोनो प्रकारक हेरा-फेरी नहि कए सकथि।

तिलक राउतक पार आयल। टांग टुटि गेल छलनि। यमराजक पूत सभ लादि कए नर्कपुरी आनि रहल छल कि अचानक ओकर टांग नक्षत्रमे घुमि रहल स्काइलैवक टुकड़ीसँ टकड़ा गेलैक जाहिसँ भयंकर दुर्घटना भेल ओ तिलक राउत प्रेतक टांग कटि गेलनि। ओना, तिलक राउत मृत्युलोकमे मुखिया छलाह। ब्लौक डेबलपमेन्ट कमीटीक कार्यकारिणीक सदस्य छलाह ओ गाममे बेस धाख छलनि। गाममे राजनीति कए इलाकाक लोककेँ अपना दिसि कए अपन सहोदर भाएकेँ रातिये-राति निपत्ता कए देलनि। ओना, बाहरमे बेस बिलाप कएलनि। छाती पिटलनि। थानामे रिपोर्ट दर्ज करेलनि। इत्यादि-इत्यादि। मुदा संयोग जे ओहि समयमे नर्कमे ओभरटाइम चलि रहल छलैक आ भारतक विभागक डिलिंग हैंड काज कए रहल छलाह। नर्कलोकसँ वो सभ घटनाक दूर दर्शनपर देख रहल छलाह। नर्कक कागज-पत्रमे सभ लिखल छल। यमराजक कोर्टमे पहुँचि कए वो अवाक रहि गेलाह।

के बाहर केलक ई सभ...!”

सोचैत छलाह। एमम् प्रकारेण एकसँ एक नवागन्तुक सदस्यक परिचय होइत गेल।

एतबहिमे भयंकर हल्ला सुनबामे आयल। दर्शक दीर्घासँ कूड़ा-कपड़ा फेकल जा रहल छल। क्यो गोटे जोर-जोरसँ उद्घोष कए रहल छल-

भाई लोकनि! यमराजक अत्याचारसँ हमरा लोकनि उबि गेल छी। नर्कक व्यवस्था साफ गड़बड़ा गेल अछि। हमरा लोकनि २५ बर्षसँ बिना सुनबाई-के हाजतमे पड़ल छी।

एतबहिमे दसटा बेस नमगर पोरगर जवान सभ हाथमे हथकड़ी लेने प्रवेश कएलक। हाथमे डंटा छलैक ओ आँखि लाल कए रहल छल।

संसदमे विरोधी पक्षक नेता गड़जि उठला-

ई संसदक घोर अपमान थिक। संसदक अध्यक्षक अनुमतिक बिना एहिमे पुलिसक एहि प्रकारक प्रवेश निंदनीय थिक।

चारू दिससँ सदस्य सभ फानय लगलाह। यमराजक प्रतिनिधि टीक पकड़ने हुनका अगत-अगत कए रहल छल। भयंकर कोलाहलसँ जखन किछु श्रुतव्य  नहि रहि गेल तँ अध्यक्ष महोदय हारि कए सदनक कार्यवाही, ओहि दिनक हेतु स्थगित कए देल। संसदक किछु भाँगठ सदस्य भीड़मे डगमगा कए खसि पड़ि रहल छलाह। धक्कम-धुक्कीमे किछु नांगड़ सदस्यक दोसरो टांग आहत भेल जा रहल छलनि। बड़ी मुश्किलसँ वोहि दिन नर्कवासी अपन-अपन डेरा आपस पहुँचलाह।        

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