ओना हम अनदिना घण्टों
पूजा-पाठ करेत छी,मुदा जखन
कखनहुँ नोत पड़ैत अछि किंवा बरियाती जएबाक हकार देल जाइत अछि तँ पूरा ताकति लगा कए
सभसँ पहिने अपन मैलका गमछा साफ करएमे लागि
जाइत छी।
ओना हमर गमछा कोनो ततेक पुरान नहि अछि,मुदा समस्या तँ
छैक साबुनक।मैल तँ बैसलि-बैसलि चिपरी जकाँ भए गेल रहैत छैक।तेँ बूझल जाए जे
तिन-चारि घंटा धरि लगातार परिश्रम कअलोपरान्त ओकर पियरी नहि छुटैत छैक।कुर्ता तँ
अपन अछि नहि ,तेँ मंगनी करबाक हेतु अतिशय तत्पर होमए पड़ैत अछि। ओना आब गाम घरमे कपड़ा लत्ताक कोनो कमी होइक से बात नहि। से-से प्रकारक कपड़ाक चलनि भए गेलैक अछि जे ओ पहिरने तँ
एकदम जोकर जकाँ लगैत अछि। एक खण्ड धराउ धोती
पाँच-सात बर्खसँ अछि आ ओकर उपयोग मात्र एहने-एहने अवसर पर होइत रहलेक अछि आ तेँ ओ
बचलो अछि।
कतेक दिन सँ प्रतीक्षामे छलहुँ जे बरियाती क्यो लए जाइत।ओना हमर नाम लोक रिजर्व
लिस्टमे रखने अछि।तकर कारण हमर कोनो आन गुण नहि थिक। हमरामे एकमात्र विशेषता ई थीक
जे हम जाहि बरियातीमे रहैत छिऐक से किछु ने किछु नाम अवश्ये करैत अछि।ओना हमर नामो
लम्वोदर अछि।नाम ओ गुणक ऐकठाम समावेश दुर्लभे।मुदा हमरा संगे से नहि अछि। हम
१००-२०० रसगुल्ला पनपिआइमे देखि लैत छिऐक।धरि तेँ की? बरियातीक
बाते किछु आओर छैक। ओतए तऽ युद्ध पर युद्ध होइत छैक आ ओहि मे विजय प्राप्त करब कम
पौरुखक बात नहि थिक।
ओहि दिन घुड़ लग बैसल छलहुँ के क्यो गप्प लाड़लक जे सिद्धु बाबूक पुत्रक विआह
परसु धार लगक गाममे तय भेलनि अछि।तखन सँ
बुझल जाए जे जिह सँ पानि खसए लागल।कहुना कोशिश मे रही जे बरिआतीक आग्रह होअए ।कतेक
दिन सँ भरिपेट्टा नहि भेल छल आ तेँ प्रवल इच्छा भेल जे बरियाती हम अवश्य जाइ।
प्रात भेने दतमनि करैत सिद्धु बाबू ओहिठाम पहुँचलहुँ कि ओ अपनहि सँ विआहक
चर्चा उठा देलनि।फेर बजला जे बरिआती मात्र एगारहटा आनए हेतु कहलक अछि।एतबा सुनिते
जेना हमरा मोनो पानि पड़ि गेल।मुदा धन्यबाद दी भगवान के जे सिद्धु बाबू हमर मोनक
बात ताड़ि गेलाह आ झट दए कहि उठलाह- “हे ! हम अपनेक हेतु कुर्ताक इंतजाम कए
देल अछि,अवश्य
जयबैक।सैह भेलैक।ओहि दिन भोरे सँ हम बरियाती जेबाक तैयारी प्रारंभ कए देल।
गोर मासक धक लागल छल।जाड़क मास छल। पानिक डरे तऽ होअए जे पनिछुआ धरि छोड़ि दी।मुदा ओहि दिनभोरे
उठिकए स्नान कएलहुँ आ सोडरमे डुबा गमछाकेँ पटकए लगलहुँ।ओ गमछा अपना आपमे नमूने
छलैक।दस बजे धरि पटकेत-पटकैत जखन हाथ पैर थाकि गेल आ सर्दी सँ सौंसे देह दुलकए
लागल,स्थिर भए गेलहुँ मुदा गमछामे चमक अखन धरि नहि अएलैक।की
करी?फेर ओहि
गमछाकेँ सुखाए दए देलहुँ आ स्वयं दुर्गा पाठ प्रारंभ कएल।
दुर्गा देवीक कृपासँ हमरा भोजन करबाक ओ पचेबाक असाधारण शक्ति प्राप्त अछि।“रुपं देहि जयं देहि यशो देहि" मंत्रक पाठ कएलाक
बाद भूख अपन चरम सीमा पड़ छल।नेबो बाड़िएमे छल।नेबो तोरि पानिमे मिलाए भरि लोटा
पानि गट-गट पीबि गेलहुँ।फेर तऽ बूझल जाए जे घंटा भरिक बाद पेट एकदम फिट भए गेल आ
बरह बजे दिनसँ बरियाती जेबाक हेतु तेयारी प्रारंभ कए देल गेल।कुर्ता मंगनी कएल आ
सभसँ पहिने सिद्धु बाबू ओतए हमही पहुँचलहुँ।
ओना आब लोक एडवांस भए गेल अछि आ बरियाती सभकेँ कोनो खास परेशानी नहि होइत
छनि।मुदा कहबी थीक जे गेलहुँ नेपाल मुदा करम गेल सँगे।बीच रस्ते मे छलहुँ कि पेट
गड़-गड़ बाजए लागल आ लगैत चल जे सौँसे पेटसँ जेट विमान छुटि रहल अछि।कएक बेर पोखरि
दिस गेलहुँ। तकर बादो लगैत छल जे पेट फुलले चल जा रहल अछि।अन्तमे हारि कए एकटा गाछ
तर बेसलहुँ क एकटा नढिआ बाम सँ दहिन भेल।बुझा गेल जे कोनो अशुभ भए गेल। मुदा
बरियाती जेबाक अवसर तऽ कतेक दिनक बाद भेटल छल।जा धरि पेट रहत कहिओ नीक कहिओ खराप होइते
रहत।मोने मोन हनुमान चलीसा पढैत आगा बढए लगलहुँ कि लागल जेना सौँसे धोतीमे बमपाट भए गेल।माथा
हाथ दए बैसि गेलहुँ।
दर-दुनियाँ मे एकटा धोती छल।सेहो एन मौका पर खराप भेल चल जाइत चल कि बेसुम्हार
दौड़लहुँ।सभकेँ हमरा दए होइक जे बरियाती जयबाक जोशमे दौरि रहल छी।मुदा हमर बात तऽ
दोसरे छल।की करी से बुझा नहि रहल छल।किछु दूर पर पोखरि भेटल।कपड़ लत्ता केँ खिचि
कए सुखाए दए देलिऐक।अपने गमछी पहिरि बैसि गेलहुँ।दम फुलि रहल छल तैयो भिजले धोती
पहिरि आगा बढलहुँ।ताबे आओर बरियाती सभ अगुआ गेल छलाह।कहुना कहुना कए एगारह बजे
रातिमे बरियाती सभ पहुँचल।
बरियातीक पहुँचैत गामसँ विआहक गीत सुनाए पड़ए लागल कि हमर छाती उपर नीचा होमए लागल।पेट
फुलिकए तरेरा लागि गेल छल।मुदा एतबा तँ अवश्य जे हम जानो पर खेलि कए बरियातीकेँ
सफल बनयबाक हेतु दृढ संकल्प कएलहुँ।किछु कालक बाद दरबाजापर पहुँचतहिँ पानि पड़ए लागल
छल।लोक सभ धड़फड़ाए आगा बढ़ल चल जा रहैत छलाह कि आगा लाइटक प्रकाश पर आँखि चोन्हिआ
गेल।छपाकसँ खसलहुँ।चारू कातसँ ठहाका पड़ल।उठलहुँ तँ कपड़ा लत्ता खराप भए गेल।मोन
तँ घोर भए गेल।होइत छल की करी,की नहि? हारि कए पुआड़क टालक औढ़मे चलि गेलहुँ आ ओहीठाम थाल सभ
पोछलहुँ।खैर....हमरा लोकनि पहुँच गेलहुँ सएह कोन कम।
बरियातीक स्वागतक तैयारी धूमधामसँ कएल जा रहल छल।थोड़ेक कालक बाद बड़का बड़का
पिलेटमे जिलेबी,मुंगबा,आदि मिठाई सभ परसाय लागल।ओमहर बरक परिछन करबाक हेतु सेहो
स्त्रीगण सभ तत्पर भए गेल छलीह।वरके सकपकाएल देखि हम हुनका स्त्रीगण सभ लग लए
जेबाक इशारा कएलिअनि की स्त्रीगण समेत सभ गोटे हमरा अँखिआबए लागल।भेल पराभव। अन्ततोगत्वा
कहुनाकए जान छोड़ा मिष्ठान्न सभ पर टुटलहुँ । एतवहिमे भयंकर आवाज भेल।चारु दिस लोक
ठहाका देबए लागल।की भेल?की भेल?एतबहिमे परिछाएल जे हमर पेट बाजल छल।मुदा हमरा तँ कोनो
सुधिए नहि छल।चाह पान पिलाक बाद हमरा लोकनिक परिचयक क्रम प्रारंभ भेल।हमर आँखि
लागए लागल कि क्यो खुरलुच्ची छौँड़ा मुँहमे किछु राखि देलक।थू थू कए ओकरा बाहर
कएल।चारु दिस सभ लोक सहटि कए हमरे लग आबि गेल। की करी? की नहि,किछु बुझा नहि
रहल छल।
कहलिअनि हमर जान बहार भए रहल अछि आ अहाँ लोकनि हेतु धन सन।कहाँ गेल ओ खुरलुच्च
छौड़ा?एतबहिमे क्यो
कहलक जे ई सभ चहु दाँतक टुटि गेलाक कारणसँ भए रहल छल।मुँहमे पाथरक टुकड़ी धए देने
छल । हम ओकड़ा सुपाड़ी बुझि कुड़कुड़ाबए लगलहुँ। हमर चारू चौह पहिनेसँ हिलि रहल
छल।
कनिके जोर पड़ितहि तर दए टुटि गेल।साहस कएलहुँ।दबाइ-दारु लगाओल।क्रमशः मोन
शांत भए गेल।आंगनसँ भपाइत सुगंधके सूंघि-सूंघि मोन आगा-पाछा करए लागल।घंटा दू घंटा
एहि तरहे घोलफचक्का केलाक बाद बिझो भेल।हमरा कतहुसँ जानमे जान आएल।
सभसँ बड़का पीढ़ी चूनिकए बैसलहुँ कि टांग पिछड़ि गेल।पीढ़ी तरमे किछु पिछड़ाह
राखल छल।पएरमे मोच पड़ि गेल।चुप्पे रहि गेलहुँ मुदामोन तामसे गोर भए गेल छल।रंग
वरंगक मिष्ठान्न एवम् अन्य भोजनक सामग्री सभ देखि तामस किछु कम भेल।खाइत खाइत पेट
तरास लागि गेल।भगवान हमरा हजारमे एकटा गुण देने छथि जे खाइत काल क्यो कतबो खौंझाबए
हम टससँ मस नहि भए सकैत छी।पेटतऽ पहिने सँ गड़बड़ छलहे।ताहु परसँ फेर डबल भोजन
देलिऐक।दरबाजा पर पैर धरितहि पेट फूलए लागल।सुधि हरा गेल।डाक्टर बजाओल गेल।दबाइ
दैत छल।मुदा पेटमे तऽ कंठ धरि अन्न ठूसल छल।कहलिअनिः
“हे! हमरा दबाई जोगर जगह रहैत तखन एकटा छेना आओर नहि
खा लितिऐक?”
सूई लागल।प्रात
भेने अधमरु भेल गाम पहुँचाओल गेलहुँ।
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