मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

गुरुवार, 11 मई 2017

कालापानी  








 

कालापानी   

सन्‍ १८५७क प्रथम स्‍वतंत्रता आन्‍दोलनसँ ब्रिटिश हुकुमत हिल गेल। विदेशी सम्राज्यपर आक्रमण तेतेक जोरदार छल आ ओइमे भागीदारी तेतेक सशक्त छल जे ओकरा सम्‍हारब एकटा गंभीर चुनैती बनि गेल। देशभक्त लोक सभकेँ प्रताड़ित करबाक हेतु एवम्‍ ओकरा सभकेँ देशसँ फटकी करबाक उद्देश्‍यसँ अंग्रेज सरकार अण्‍डमान निकोबार दीप समूहक चेथम टापूपर जेलक निर्माण प्रारंभ केलक जे स्‍वच्‍छ पानिक अभावमे आगू नहि बढ़ि सकल। तेकर बाद रोज टापूपर काज प्रारंभ भेल। १० मार्च १८८५क २०० स्‍वतंत्रता सेनानी ऐ टापूपर पहुँचला। तेकर बाद तीन जल-जहाजसँ ४४१ स्‍वतंत्रता सेनानीकेँ आनल गेल। ओइमे सँ अधिकांश जमींदार, नबाब, लेखक, कबि एवम्‍ सम्‍पन्न लोक सभ छला। हुनके सभकेँ जंगल काटि-काटि जेलक निर्माणक काजमे लगौल गेल। हुनका सभकेँ गुजराक हेतु एकअना एवम्‍ नौ पैसा रोज देल जाइत छल।

अंग्रेज सभकेँ स्‍वतंत्रता सेनानीपर भरोस नहि रहइ। सजा प्राप्‍त कैदी सभकेँ रातिक अन्‍हारमे चेनसँ बान्‍हि कऽ वाइपर नामकटापूपर राखल जाइत छल। वाइपर टापूपर एकटा जेल एवम्‍ फाँसी घर सेहो बनौल गेल। स्‍वतंत्रता आन्‍दोलनक केतेको सेनानी लोकनिकेँ फाँसी एतए देल गेल। उत्तर-पच्‍छिम सीमान्‍त प्रदेशक पाठान शेर अलीकेँ ब्रिटिस भाइसराय लॉर्ड मायोक ८ फरवरी १८७२क हत्‍याक आरोपमे ११ मार्च १८७२क एत्तै फाँसी देल गेल। प्राप्‍त जानकारीक अनुसार अण्‍डमानवासी बिआ लालाकेँ १९ १८८० क एत्तै फाँसी देल गेल। ओही दिन एकटा अज्ञात स्‍वतंत्रता सेनानीकेँ सेहो फाँसी देल गेल। तोखा नामक कैदी (संख्‍या २१५४५)केँ १२ दिसम्‍बर १८६९क फाँसी देल गेल। जगन्नाथपुरी महाराजा वृज किशोर सिंह देव वाइपर जेलमे राखल गेल रहैथ, जेतए १८७९ मे हुनकर देहान्‍त भऽ गेल।
  
एहेन क्रूर बेवस्‍थाक भग्नावशेष भारतीय संगे ब्रिटिश साम्राज्‍य द्वारा कएल गेल क्रूरताक साक्षीक रूपमे ढहल-ढनमनाएल अखनौं विद्यमान अछि।
आइ-काल्‍हि वाइपर टापूक दू-महला जेलक मात्र चबूतरा अवशेष अछि। बाहर दिस छतक छोट भाग ध्‍वस्‍त देबाल मात्र बँचल अछि जेतए अनगिनित देशभक्त लोक सभ अखनौं जा कऽ गुम्म पड़ि जाइ छैथ।
वाइपर टापूक प्राकृतिक सौन्‍दर्य अद्भुत अछि। पोर्ट ब्‍लेयर स्‍थित फोनेक्‍स जे जेट्टीसँ विभिन्न दि्वपक हेतु जल जहाज खुजैत अछि। जल जहाज आधुनिक सुख-सुविधासँ परिपूर्ण अछि। ऐ ठामसँ २० मिनटमे जल जहाज द्वारा वाइपर टापू पहुँचल जा सकैत अछि।
कालापानी प्राप्‍त कैदी सबहक संख्‍या तेतेक बढ़ि गेल जे वाइपर टापूक जेल छोट पड़ि गेल। तखन अंग्रेज सरकार पोर्ट ब्‍लेयरमे नव जेलक निर्माण १८९६ ई. मे प्रारंभ केलक। ऐ निर्माण काजमे ६०० कैदीकेँ लगौल गेल। १९०६ ई.मे जेल बनि कऽ तैयार भऽ गेल।
साइकिलक सातटा स्‍पोक जकाँ बनल जेलक बीचमे केन्‍द्रिय टावर छल, जैपर ठाढ़ एकमात्र पहरेदार सातो जेल-घरपर नजैर रखैत छल। ऐमे कुल मिला कऽ ६६३ सेल छल। २१टा वार्डन दिन-राति जेलक सातो भागक तीनू तल्लाक देखभाल करैत छला।
कैदी सभकेँ काजक कठोर कोटा देल जाइत छल जेकरा पूरा करब असंभव छल। जे कोटा पूरा नहि केलक तेकरा भयानक यातना देल जाइत छल। कैदी सभ एकर विरोधमे कएक बेर सामुहिक आमरण अनशन केलक। आमरण अनशनमे तीन गोटा मरि गेला। १९३७ मे ४५ दिनक अन्‍तिम हड़ताल भेल। तेकर बाद महात्मागान्धी एबम रबीन्द्र नाथ टैगोर क अनुरोध पर कैदी सभकेँ भारतक जेल सभमे पठा देल गेल।

पोर्ट ब्‍लेयर स्‍थित सेलुलर जेल स्‍वतंत्रता सेनानी लोकनिपर अंग्रेज द्वारा कएल गेल अत्‍याचारक मूक दर्शक रहल अछि। ऐ जेलक सात खण्‍डमेसँ आब मात्र तीनटा बँचल अछि, शेष चारिटाकेँ नष्‍ट कऽ देल गेल। स्‍वतंत्रताक बाद ऐ जेलकेँ राष्‍ट्रीय संग्रहालयक दर्जा देल गेल। आइ-काल्‍हि सम्‍पूर्ण देशसँ स्‍वतंत्रता प्रेमी सभ एतए अबै छैथ आ देशक आजादी हेतु अपन समस्त सुख-सुविधा एवम्‍ जीवन तक त्‍याग केनिहार स्‍वतंत्रता सेनानी सभकेँ अपन श्रद्धा अर्पित करैत छैथ।

ऐ जेलक मुख्‍य द्वारा लग स्‍वतंत्रता आन्‍दोलनसँ जुड़ल फोटो सबहक प्रर्दशनी अछि। ओइ भवनक प्रथम तलपर आर्ट गैलरी नेताजी गैलरी आ स्‍वतंत्रता आन्‍दोलनसँ जुड़ल पुस्‍तकालय अछि। समस्‍त स्‍वतंत्रता सेनानीक स्‍मृतिमे ऐ जेलक समीप अनवरत जरैत स्वातन्त्र ज्‍योति राखल अछि।

१९०६ ई.मे निर्मित सेलुलर जेल १३.५ फीट x ७ फीटक छोट-छोट कोठरीसँ बनल अछि जइमे लोहाक ग्रीलक द्वार लागल अछि। कैदी सभकेँ एक-दोसरसँ अलग रखबाक हेतु एहेन निर्माण कएल गेल छल।

जेलक मुख्‍य द्वारपर दू-महला प्रशासकीय भवन अछि। मुख्‍य द्वारक बाम भागमे दोसर दू-महला भवन अछि जे ओइ समयमे जेल-अस्‍पतालक काज करैत छल। मुख्‍य द्वारक दहिन भागमे फाँसीघर बनल छल जइमे तीन बेकतीकेँ एकसंग फाँसी देल जा सकैत छल। तीनू कोठरी अलग-अलग छल। फाँसी घरमे बाहरी देबारक दोसर दिस एकटा केबाड़ खुजैत छेलै जइबाटे फाँसी चढ़ौल गल बेकतीक लाश बाहर कएल जा सकैत छल। फाँसी घरसँ सटल हिन्‍दू तथा मुसलमान हेतु फराक भनसाघर छल। ओकर बीचमे इनार छल जइमे पेयजल उपलब्‍ध होइत छल। जेलमे वीर सावरकरक कोठरीसँ फाँसीघर निरन्‍तर देखाइत रहै छल।

भारतक स्‍वतंत्रता आन्‍दोलनक किछु प्रसिद्ध सेनानी सभ ऐ जेलमे रहल छैथ जइमे प्रमुख नाम अछि- सावरकर बंधु, मोतीलाल वर्मा, बाबू राम हरि, पण्‍डित परमानन्‍द, कधा राम, उल्‍लासकर दत्त, वरिण कुमार घोष, भाई परमानन्‍द आदि। स्‍वतंत्रता आन्‍दोलनसँ जुड़ल किछु पैघ-पैघ षड्यंत्रसँ सजा प्राप्‍त स्‍वतंत्रता सेनानीकेँ कालापानी भेलापर एतए राखल गेल छल। ऐमे प्रमुख मामला सभमे अलीपुर बम्‍ब केस, नासिक षड्यंत्र, लाहोर षड्यंत्र केस आदि प्रमुख अछि।
ऐ राष्‍ट्रीय संग्रहालयक एक प्रमुख आकर्षण थिक- ‘प्रकाश एवम्‍ ध्वनि कार्यक्रम। ऐ कार्यक्रमकेँ देखि कऽ बारंबार रोमांच भऽ जाइत अछि। लोक चुपचाप स्‍वतंत्रा आन्‍दोलनक पुरोधा सबहक आत्‍म बलिदानक खिस्‍सासभ देखैत-सुनैत अछि। लगैत अदि जेना भुतकालक आन्‍दोलनकारी सबहक जीवन वृतान्‍त सद्यः प्रकट भऽ गेल हो। फाँसीपर चढ़ल हतात्‍मा सभ कहि रहल हो- हे भरतवंशी! अहाँ हमर बलिदानकेँ बिसैर नहि जाएब।
पोर्ट ब्‍लेयर जेबाक हेतु जल जहाज वा हवाइ जहाज उपयुक्‍त साधन अछि। ओइठाम रेल सेवा नहि अछि। चेन्नई, कोलकाता एवम्‍ विसाखा पत्तनमसँ पोर्ट ब्‍लेयर हेतु नियमित जल जहाज खुजैत अछि। महिनामे तीन वा चारिटा जहाज कोलकाता एवम्‍ चेन्नईसँ पोर्ट ब्‍लेयर पहुँचैत अछि आ दू-सँ-चारि दिनमे सुस्‍ता कऽ आपस भऽ जाइत अछि। विसाखा पत्तनमसँ मासमे एकबेर पोर्ट ब्‍लेयरकजल जहाज खुजैत अछि। ऐ यात्रामे ४० सँ ५० घण्‍टा लगैत अछि। समुद्री यात्रा केते गोटाकेँ पचै नहि छैन आ ओ बिमार पड़ि जाइत छैथ।
पोर्ट ब्‍लेयरक हेतु हवाइ जहाज चेन्नई एवम्‍ कोलकातासँ एवम्‍ हैदरावाद हवाइ अड्डासँ खुजैत अछि। ऐ यात्रामे दू घन्‍टा समय लगैत अछि। सुरक्षा कारणसँ ईजहाज सभ भोरक समयमे उड़ैत अछि।
हम दिल्‍लीसँ चेन्नई आ चेन्नईसँ पोर्ट ब्‍लेयर गेलौं। आपसी यात्रा सेहो ओही मार्गसँ सम्‍पन्न भेल।
१७ नवम्‍बर २०१०क हम सभ चेन्नई हवाइ अड्डापर पहुँचलौं। ओइठाम राजाजी भवन स्‍थित सीपीड़वालुड़ी अतिथि गृहमे रहबाक बेवस्‍था छल। ओतए कनीकाल सुस्‍ता कऽ हम सभ ट्रेन द्वारा तरुपति विदा भऽ गेलौं।

१८ नवम्‍बर २०१०क रातिमे आपस चेन्नई एलाक बाद हम राति विश्राम ओतइ गेलौं। रास्‍ता हेतु, बहुत रास फुरुकिया, ठकुआ सभ बना कऽ लऽ गेल रही जे चेन्नई अतिथि गृहमे राखि देने रहिऐक। आपस एलौं तँ सभ पुरुकिया, ठकुआ मूसक पेटमे चलि गेल रहए वा छिन्न-भिन्न भऽ गेल रहए।

२० नवम्‍बरक भोरे हम सभ पोर्ट ब्‍लेयर हेतु विदा भेलौं। २६ घन्‍टाक यात्राक बाद पोर्ट ब्‍लेयर पहुँचलौं। ओइठाम राज्‍य पर्यटन विभाग द्वारा संचालित टील हाउसमे हमरा सबहक ठहराबक बेवस्‍था छल। कनिक्केकालमे हम सभ ओतए व्‍यवस्‍थित भऽ गेलौं। हमरा सभकेँ ड्राइभर सहित गाड़ीक बेवस्‍थाक छल जइसँ धुमबामे बहुत सहुलियत भेल।

अण्‍डमान एवम्‍ निकोबार द्विप समूह केन्‍द्र शासित क्षेत्र अछि। बंगालक खाड़ी एवम्‍ अण्‍डमान समुद्रक मुहानापर अवस्‍थित ई द्विप समूहक राजधानी पोर्ट ब्‍लेयर थिक। ऐ द्विप समूहक कुल रकबा ३१८५ वर्ग मीटर अछि। ऐमे अण्‍डमान एवम्‍ निकोबार दूटा द्विप समूह अछि। नीकोबार द्विप समूहक राजधानी कारनीकोबार अछि।

अण्‍डमान निकोबार द्विप समूहमे छोट-पैघ ५७२ टापू अछि जइमे अधिकांश (५५०) अण्‍डमान द्विप समूहमे आ २२ टा नीकोबार द्विप समूहमे अवस्‍थित अछि। अण्‍डमान एवम्‍ नीकोबारक बीचमे १५० किलोमीटर चौड़ा दस डिग्री चैनेल (समुद्री रास्‍ता) अछि। ऐ बाटे चीन, जापान, सींगापुर, थाइलैंड, मलेशियाक जल जहाज जाइत अछि।  

पोर्ट ब्‍लेयर पहुँच हम सभ अतिशय उत्‍साहित रही। हवाइ अड्डासँ सोझे राज्‍य पर्यटन विभागक अतिथि गृहमे आरक्षित आवासपर पहुँचलौं। पोर्ट ब्‍लेयर अण्‍डमान निकोबार द्विप समूहक राजधानी अछि। अंग्रेज समयमे ऐ जगहकेँ कालापानी कहल जाइत छल। कट्टर स्‍वतंत्रता सेनानी सभकेँ अंग्रेज सभ ऐठाम स्‍थित कारागारमे पठा दैत छल। केतेको लोककेँ बिच्‍चे समुद्रमे डुमा कऽ मारि देल जाइत छल। ऐ जेलसँ स्‍वतंत्रता आन्‍दोलनक इतिहास जुड़ल अछि। एकर अतिरिक्‍त समुद्रिका संग्रहालय मानव जाति संग्रहालय (Anthnpologicl Muzium) रोज द्विप, वाइपर द्विप, मैटीन पार्क, गाँधी पार्क, जंगल संग्रहालय, विज्ञान केन्‍द्र, हावलक द्विप, चिड़िया खाना आदि ओइठाम प्रसिद्ध दर्शनीय स्‍थान अछि।

टील हाउसक खिड़कीसँ समुद्रक मनोरम दृष्‍य तखन चरमोत्‍कर्षपर पहुँच जाइत छल जखन प्रात:कालीन सूर्यक किरिणक स्‍पर्श समुद्र तलसँ होइत सूर्यक प्रतिविम्व क्षितिजपर लटकल रहैत छल। आवागमनमे प्रयुक्‍त जहाज सेहो घरे बैसल देखाइत छल। टील हाउसमे भोजन, जलखै, चाह इत्‍यादि सभ घरे जकाँ बना कऽ देल जाइत छल। माछ खेनिहार हेतु तँ ओ स्‍वर्ग छल। बहुत साधारण दरपर ओइठाम समुद्री माछ बनल-बनौल भेट जाइत छल।
संयोगसँ म्‍युजियममे घुमैतकाल हमर एकटा मित्र सपरिवार भेट गेला। ई एकटा आश्‍चर्यजनक घटना छल। ओ जलसेना (नेभी)क अतिथि गृहमे ठहरल रहैथ। मुदा ओइठामक भोजनक बेवस्‍थासँ ओ संतुष्‍ट नहि रहैथ। हुनका हम सभ अपन अतिथि गृहमे समुद्री माछक नोत देलिऐन जइसँ ओ बहुत संतुष्ट तथा प्रसन्न भेला।

ओहिना घुमैतकाल लोधी  कालोनीमे हमर डेराक एकदम पाछूमे रहनिहार पड़ोसी भेट गेला। यद्यपि मुहाँ-मुहीं हम सभ एक-दोसरकेँ जनैत रही। एकाध बेर कनीमनी गपो-सप्‍प भेल रहए, मुदा नीकसँ परिचय तँ पोर्ट ब्‍लेयरमे भेल। कतेक आश्‍चर्यक बात थिक जे सालो आसपास रहए-बला लोक तखन परिचित होइ छैथ जखन ओ घरसँ हजारो कोस दूर सन्योगसँ भेट जाइ छैथ। अकस्‍मात नेभीक म्‍यूजियममे ओ देखेलाह। फेर कनी-मनी एक-दोसरकेँ देख घुमि कऽ आगू बढ़ि गेलौं। मुदा जखन फेर दोसर ठाम देखेला तखन तँ ने हमरे रहल गेल आ ने हुनके। कनीकाल सटि कऽ स्‍मृतिपर जोड़ देल गेल। घर तँ आस-पास छलहे, लोदी गार्डेनमे सेहो नित्‍य ओ दुनू बेकती देखाइत रहै छला। मुदा परिचयक ई क्रम ओतहि तक रहल। दिल्‍ली आपस एलाक बाद फेर ढाकक तीन पात। असलमे दिल्‍लीक संस्‍कृति लोकपर हाबी भऽ जाइत छइ।
हमरा सभकेँ जोगारसँ एकटा स्‍थानीय ड्राइभर गाड़ी सहित भेट गेल छल। ओकरा ओइठामक चीज-वौसु आ लोक-वेदक जानकारी रहइ। तँए ओकरा संगे रहलासँ मदैत होइत छल। मुदा ओ बेकती छल पैसाक लोभी। मौका पबिते पाइ बँचा लइत। प्रात:काल हेवलाक टापू जेबाक हेतु ओकरा टिकट आनए देलिऐ। ओ आनियोँ देलक मुदा पैसा बेसी लऽ लेलक। प्रात:काल जखन जल-जहाज पकड़ए गलौं तँ भेद  खुजल । टिकटक दर ओइठाम लिखल छल। टिकट आसनीसँ ओइठाम स्‍वयं लऽ सकैत छेलौं आ अतिरिक्‍त पैसा जे लागल से बँचि जाइत। मुदा ओइ आदमीपर भरोस कएल जेकर दण्‍ड भेटल। खाएर...। ओना, एकाध बेर आर ओ ठकबाक परियास केलक मुदा ताधैर हम सतर्क भऽ गेल रही।
पोर्ट ब्‍लेयरसँ दू किलोमीटरक दूरीपर अवस्‍थित रोज टापूकेँ पूबक पेरिस कहल जाइत अछि। अंग्रेज अपना जमानामे ऐठाम सुख-सुविधाक समस्‍त साधनक बेवस्‍था केने छला। बेकरी, कल्‍ब, सुद्ध पानिक बेवस्‍था, रहैक हेतु नीक-नीक घर, मन्‍दिर-मस्‍जिद, चर्च, खेलेबाक स्‍थान आदि-आदि ई सभ बेवस्‍था कैदी सबहक श्रमक दुरुपयोग कऽ प्राप्‍त कएल गेल छल। ऐठाम करीब पाँच साए ब्रिटिश परिवार रहैत छल। आब ओइठाम बनल भवन सभ ध्‍वस्‍त भऽ गेल अछि। कएटा ध्‍वस्‍त देबाल गाछक डारि सबहक सहारा लेने ठाढ़ अछि।
अंग्रेजक पलायनक बाद स्‍थानीय लोक सभ मकानसँ मुल्‍यवान वस्‍तु नीक-नीक लकड़ीक सामान सभ गाइब कऽ देलक। आब ई पूरा क्षेत्र भारतीय जल सेनाक अधीन अछि। अस्‍तु ऐठाम दोकान-दौरी नहि अछि।
किछु समय तक ई क्षेत्र जापानक अधीन छल। द्वितीय विश्व युद्धक दौरान प्रयुक्‍त जापानी बेकर अखनो देखल जा सकैत अछि। पोर्ट ब्‍लेयरसँ ३९ किलोमीटर उत्तर-पूबमे ११३ वर्ग किलो मीटरक रकबामे अवस्‍थित हावलक टापू अपन प्राकृतिक सौन्‍दर्यक हेतु प्रसिद्ध अछि। पोर्ट ब्‍लेयरसँ ऐठाम आबक हेतु रोज सरकारी एवम्‍ पाइवेट जल जहाज उपलब्‍ध अछि। अण्‍डमान निकोबार प्रशासन पोर्ट ब्‍लेयरसँ हेलीकाप्‍टर सेहो उपलब्‍ध रहैत अछि। हावलक टापूपर रहबाक हेतु सर्वोत्तम स्‍थानमे सँ सरकारक पर्यटन  विभाग द्वारा संचालित डालफिन रिजोर्ट अछि। ऐमे पूर्व आरक्षणक बेवस्‍था पोर्ट ब्‍लेयरमे कएल जाइत अछि।
हावलक टापूक आसपास राधानगर, विजयनगर, एलीफेंट, कालापत्‍थर बीच प्रसिद्ध अछि। राधानगर बिच एसियाक सर्वोत्तम बीचमे सँ मानल जाइत अछि।
स्‍कूबा आइभींग ऐठामक प्रमुख गतिविधिमे शामिल अछि। ऐ लेल प्रशिक्षित गाइडक मदैत लेबाक चाही आ प्रयास करक चाही जे एकटा संगी संगमे रहैथ जइसँ जरूरी भेलापर एक-दोसरकेँ मदैत कऽ सकी।
दोसर दिन भोरे हम सभ जहाज पकैड़ हावलाक लेल विदा भेलौं। लोक सभ अपन-अपन स्थान पर बैस गेल रहैथ। जहाज सीटी देलक आ विदा भेल। जहाजमे मनोरंजन हेतु टीवी लागल रहइ। खेबा-पीबाक जोगार रहइ। समुद्रमे प्‍लास्‍टिक नहि फेकबाक हिदायत बारंबार देल जाइत रहइ। किछु कालक बाद समुद्रक पानिक रंग बदलल बुझाएल। हैभलाक पहुँचला बाद हम सभ एकटा जिप केलौं जे दिन भरि हमरा सबहक संगे रहल आ जगह-जगह घुमौलक।
एकटा नाव ठीक कऽ कऽ हम सभ राधानगर बीच विदा भेलौं। नावमे हम दुनू गोटेक अलावा नाविक मात्र छल। डरो होइत छल। कएक बेर नाव हिलकोरा दइक। राधानगर बीच पहुँचलापर हमरा लोकनि थोड़े काल एमहर-ओहमर घुमलौं। एकटा गुजराती दंपति पहिनहिसँ ओतए रहैथ। पति-पत्नीक उमेरमे बहुतोक फर्क रहैन। पत्नी बाहरे प्रतीक्षा करैत छेलखिन आ ओ स्‍वयं गाइडक संग समुद्रमे गोंता लगबए गेल रहैथ। हुनका देरी होइत देख पत्नीकेँ दम फुलैत छेलैन। आशंकामे परेशान रहैथ जे कहीं किछु भऽ ने जानि। अन्‍ततोगत्‍वा ओ पानिसँ निकलला, तखन हुनकर पत्नीकेँ जान-मे-जान आएल।
राधनगर बीचक आसपास जंगल छल। किछु कालमे हम सभ ओही नावसँ आपस हेवलक एलौंआ जीपसँ विजयनगर बीच पहुँचलौं। रस्‍तामे बंगाली सभ बंगलामे गप-सप्‍प करैत देखाइत छला। बंगाली महिला सभकेँ काली पूजा करैत देखलिऐन। समुद्रक किनारा जेतए केतौ होइक, दृश्‍य लगभग एक्के रंग रहैत अछि। विजयनगर बीचपर हमसभ थोड़ेक काल सुसतेलौं। एमर-ओहमर घुमलौं। समुद्रमे घुसि कऽ पानिक गछारसँ आनन्‍दित भेलौं। फेर आपस जीपसँ हैवलक पहुँचलौं। ओइठाम आसपास कएटा चीज सभ देखलौं आ जल जहाजपरबैस पोर्ट ब्‍लेयर विदा भऽ गेलौं।
रात्री विश्रामक बाद प्रात:काल हम सभ पुनश्‍च जल जहाज पकड़बाक हेतु विदा भेलौं। घरेसँ जहाजक सीटी सुनाइ पड़ैत रहैत छल। जहाजो कएक तरहक छल। हम सभ प्राइभेट जल जहाजमे टिकट लेने रही जे अपेक्षाकृत कम समयमे यात्रा कऽ लैत छल, साफ-सुथरा छल आ किछु आधुनिक सुख-सुविधा सेहो रहइ। सभसँ पहिने हम सभ रोज आइलैन्‍ड पहुँचलौं। ओइठामक खण्‍डहर सभ देख मोनमे भाव अबैत छल जे समय केकरो नहि। सैकड़ो कैदी सबहक शोषण कए जबरन दिन-राति श्रम करा कऽ ओइठाम तरह-तरह केर सुविधा युक्त भवन, कार्यालय, क्‍लब हाउस, बेकरी, जल संशोधन आदिक बेवस्‍था कऽ अंग्रेज सभ रहैत छल। मुदा आब की अछि? निर्दोष लोक सबहक चित्‍कारक दुर्खान्‍त कथा ओइ गाछ सबहक डारिपर कहुना कऽ अँटकल मकान सबहक भग्नावशेष...।

जल जहाजसँ निकैल कऽ तय समयमे आपस आएब अनिवार्य रहैत छल, अन्‍यथा जहाज दू बेर सीटी मारत आ चलि पड़त। तइ चिन्‍ताक कारण नियत समयसँ पूर्वे हम सभ जहाजपर अबि गेलौं। जहाज वाइपर आइलैंड दिस विदा भेल।
आइलैंड पहुँच कनी दूर पएरे चलि कऽ ओ भयावह जगह आएल जेतए आजादीक दीवाना सभकेँ अंग्रेज फाँसी दऽ दैत छल। ओइठाम विषधर सबहक कारा छल। जीबैत आदमी सभकेँ ओइ सुनसान जगहपर छोड़ि देल जाइत छल। तेकर अन्‍त सोचसँ परे छल। एहेन क्रूर आक्रान्‍ता छल अंग्रेज। स्‍वतंत्रता गमा कऽ केतेक कष्‍ट हमर पूर्वज उठौलाह आ ओकरा पुन: प्राप्‍त करबाक हेतु की की त्‍याग केलैन तेकर हिसाब करब संभव नहि अछि। हजारो युवक असमयमे मारि देल गेल। जे जीबैत बाँचल तेकरा कालापानी पठा देल गेल, केतेकोकेँ रस्‍तेमे माने समुद्रेमे डुमा देल गेल..! आ किछु ऐ अन्‍याय सबहक विरोधमे स्‍वयं अनशन करैत-करैत मरि गेला।
पोर्ट ब्‍लेयर गेनिहार पर्यटक एकटा उद्देश्‍य- ओइठाम आसपासमे रहनिहार जनजातिकेँ देखब रहैत अछि। ऐ हेतु स्‍थानीय प्रशासनक स्‍वीकृति पहिनहिसँ लेब जरूरी अछि। ऐ टापूमे जरबाकेँ अलाबा Sintinolore orge, Great Andamanire, तीन आर तरहक जनजाति रहै छैथ जिनकर संख्‍या निरन्‍तर घटि रहल अछि। पर्यटक सभ सफारीपर जाइ छैथ आ जरबाकेँ देख आनन्‍दित भऽ जाइ छैथ। ओ सभ अखनो सामान्‍य जीवन-यापनसँ बहुत दूर छैथ। पर्यटक सभ भोजन सामग्री दऽ कऽ हुनकर सबहक फोटो लेबाक प्रयास करै छैथ। कएक बेर आर-आर तरहक शिकायत सेहो सुनबामे अबैत अछि। स्‍थानीय लोक द्वारा जरबा महिलाक शोषणक मामला सभ सेहो सुनबामे अबैत अछि। स्‍थानीय प्रशासन ऐ तरहक घटना सभकेँ गंभीरतासँ लेलक अछि। पर्यटक सबहक हेतु अलग रास्‍ता बनाबक प्रयास भऽ रहल अछि जइसँ जरबा लोकनिक जंगलक बासा अधिक सुरक्षित रहि सकए।
भारतीय स्‍वतंत्रता आन्‍दोलनक पृष्ठभूमिपर अचल ठाढ़ अण्‍डमान निकोबार आइलैंड माने कालापानी भारतीय जनमानसकेँ युग-युग तक झंकृत करैत रहत। भारतीय स्‍वतंत्र्य संग्रामक दौरान हजारो पुरुष-महिलाक बलिदान व्‍यर्थ नहि जाए, ओकर स्‍मरण बनल रहए आ ओइसँ प्रेरणा लैत अपन देशक गौरव-गरिमामे हम सभ योगदान करैत रही, तइ लेल जरूरी अछि जे समय-समयपर सम्‍पूर्ण देशक लोक स्‍वतंत्रताक ऐ पवित्र तीर्थक दर्शन करैथ।
सेलुलर जेलक सीढ़ी लग ओइ जेलमे समय बितौनिहार सैकड़ो लेाकक नाम अंकित अछि। ओइमे अधिकांश वंगाली सबहक नाम लगैत छल। एकाधटा नाम अपनो सबहक ओइठामक बुझाएल। भावनाक चरमोत्‍कर्ष वी सावरमरक कक्ष लग जा कऽ होइत अछि। अंग्रेज सरकारक तमाम प्रयासक बाबजूद ओ चट्टान जकाँ अपन विचारपर अडिग रहला। भारतक ऐ महान सपूतकेँ सत्-सत्‍  प्रणाम।
साँझमे लाइट एवम्‍ साउण्‍ड कार्यक्रममे स्‍वतंत्रता संनानी सबहक त्‍याग आ आत्‍म बलिदानक गाथा कहैत कार्यक्रम देख-देख कोन देशभक्‍त रोमांचित नहि हएत। रहि-रहि कऽ मोन होइत छल जे भारतीय स्‍वतंत्रता संग्रामक हुतात्‍मा सभकेँ क्रूरता पूर्वक जान लेनिहार अंग्रेज सबहक नरेठी दाबि दी। कएक बेर आँखिसँ नोर बहैत रहल। जखन प्रकाश किरण फाँसी घरपर पड़ैत छल तँ पश्चाताप ओ पीड़ासँ मोन भरि जाइत छल। की हम सभ अपन पूर्वजक बलिदानकेँ व्‍यर्थ जाए देब? की हम सभ एतेक कठिनतासँ प्राप्‍त स्‍वतंत्रताक रक्षा कऽ सकब?
लतामगेंशकरक एवम्‍ प्रदीपक गौल गीत- ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा... गबैत-गबैत २४ तारिखक भोरे हम-सभ पोर्ट ब्‍लेयर हवाइ अड्डापर चेन्नईक जहाजपर चढ़ि गेल रही, ऐ सन्कल्पक संग राष्‍ट्र प्रेमक ऐअमर दीपक निरन्‍तर प्रज्‍जवलित राखबाक हेतु सदैत प्रयत्‍नशील रहबे ओइ हुतात्‍मा सबहक प्रति सही श्रर्द्धांजलि होएत।  

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