मैथिलीमे हमर प्रकाशित पोथी

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शुक्रवार, 23 नवंबर 2018

मनक शक्ति


मनक शक्ति



वैज्ञानिकसभ कहैत छथि जे मनुक्ख अपन दिमागक बहुत  लघुअंशक उपयोग कए पबैत अछि । ओकर अधिकांश मानसिक शक्ति व्यर्थ चलि जाइत छैक । हमर पूर्वज योग आ ध्यानद्वारा अद्भुत मानसिक शक्ति प्राप्त केने छलाह । महाभारतक समयमे संजयकेँ दिव्यदृष्टि प्राप्त रहैक जाहिसँ ओ धृतराष्ट्र लग बैसले-बैसल कुरुक्षेत्रक दृष्यक वर्णन करैत रहल । भए सकैत अछि जे ओ किछु आइ-काल्हिक टेलीवीजनेक प्रारूप रहल हो किंवा ओकर आँखिएमे किछु एहन विशेष शक्ति भए गेल जे ओकरा लेल अदृष्य वस्तु सेहो दृष्य भए गेल । मंत्र द्वारा मोनक शक्तिकेँ कतेको गुना बढ़ा- घटा देबाक सामर्थ्यक चर्च हमसभ अपनसभक शास्त्र-पुराणमे सुनैत रहलहुँ अछि । आखिर मंत्र छैक की? सुनियोजित शव्दक शृंखला मात्र जकर अर्थ ओ ध्वनिसँ मनुक्खक मष्तिष्क प्रभावित भए जाइत अछि । ओना सामान्य जीवनमे हमसभ ई बात देखैत छी जे जँ अनट बात बजलहुँ वा बजा गेल तँ तुरंते सामनेक व्यक्ति तमसा जाएत आ भए सकैछ जे जानोपर बनि जाए । कहक माने जे शव्देक प्रभावसँ एहन प्रतिकृया भए गेल । मंत्र सएह काज करैत अछि,एहिमे कोनो सक नहि हेबाक छाही । अस्तु,मनक एकटा अपन अनंत संसार छैक जे हमरा अहाँकेँ कतए सँ कतए लए जेबाक सामर्थ्य रखैत अछि ।
देहक मजगूत होएब तखने कारगर भए सकैत अछि जखन ओकरा संगे मोनो मजगूत होइक ,नहि तँ एकसँ एक पहलमान सिपाही पातर -छितर अधिकारीक आदेशपर नचैत रहैत अछि । ओतेकटा हाथीकेँ नान्हिटा महावत नचौने रहैत अछि । ई बात अलावा छैक जे जँ हाथीकेँ माथा फेल भए जाइत अछि,तखन तँ ओ महावतकेँ चीड़ि-फारिकए राखि दैत अछि । ओहूमे ओकर मोनेक स्थिति असरदार भए जाइत अछि । सच पुछैत छी तँ आदमी-आदमीमे फर्के ओकर मोनक ऊपर निर्भर करैत अछि । एक आदमी डाक्टर भए जाइत अछि,किओ कलक्टर बनि जाइत छथि तँ ककरो भाग्यमे भरि जिनगी चपरासिएक काज करब रहैत अछि । मुदा एहिसभक पाछु मोनेक शक्तिक चमत्कार थिक ।
ई संसार हमर अपने सोचक प्रतिविम्ब अछि । हम जेहने सोचैत छी,सएह होबए लगैत अछि । जँ हम ककरोसँ नीकसँ गप्प करब तँ ओहो नीकसँ बाजत । जँ हम अलट-विलट काज करब,अंट-संट बाजब तँ जाहिर अछि जे दोसरोक मोनमे तेहने भाव जागत,ओहो तमसाएत । परिणाम केहन होएत से सोचल जा सकैत अछि। आइ-काल्हि की भए रहल अछि? सभ अपन-अपन तानमे मस्तान अछि । ककरो कोनो मतलब नहि छैक जे ओकरा आस-पासक लोक के अछि,केहन अछि । गामो-घरक जीवनक शहरीकरण भए गेल अछि । लोक चुपचाप अपन दरबाजापर बैसल रहैत अछि । फगुआ हो वा दिआबाती,ककरोसँ किओ भरिमुँह गप्पो नहि करैत अछि । तेहन परिस्थितिमे जँ कोनो विवाद होइत अछि तँ ओ भयानक रुखि लए लैत अछि । कारण संवादहीनताक कारण आपसी समझ नदारद रहैत अछि आ बात एकहि बेर काबूसँ बाहर भए जाइत अछि ।
एहन उदाहरण कतेको भेटत जतए लोकसभ कहए लगताह-"की कहैत छी? हमरा तँ साधने नहि अछि ने तँ हम केहन,केहनक कान काटि देतिऐक । आदि,आदि । मुदा ई सभ बहाना मात्र छैक । एक सँ एक कठिन परिस्थितिमे लोक आगू बढ़बे नहि केलाह अपित समाजक सामने एकटा दृष्टान्त प्रस्तुत केलाह।कहबी छैक जे रोम एकदिने नहि बनल । माउंट एवरेस्टपर चढ़बाक हेतु कतेको बेर लोक खसल,कतेको अपन जानोसँ हाथ धोलथि । अंततोगत्वा विजय भेटल । विजय पताकासभ देखैत अछि मुदा ओकर पाछाक संघर्ष साइते किओ बुझैत अछि । मुदा ई बात तँ मानिए कए चलू जे पैघ उपलव्धिक हेतु ओहने कठोर  परिश्रमक प्रयोजन होइत अछि । सफलताक हेतु कोनो लघुपथ नहि होइत अछि । कहक मानेजे  कोनो पैघ काज करबाक हेतु तेहने सघन प्रयासक प्रयोजन होइत अछि । खुरपी छलहुँ आ बोनि भए गेल ,ताहि तरहक प्रवृतिसँ जीवनमे उत्कर्षपर नहि पहुँचल जा सकैत अछि । ताहि हेतु चाही दृढ़निश्चयी ,पहाड़सन निस्सन ओ अटल मोन जे रस्ताक संघर्ष ओ कष्ट देखि कए अगुताथि नहि,कर्तव्यपथपर अड़ल रहथि । की मजाल अछि जे एहन अडिग व्यक्तिकेँ सफलता नहि भेटत,भेटबे करत ।  एहने लोकसभ समाजमे दृष्टान्त बनि जाइत छथि ।
मनक शक्ति अथाह अछि । कतेक तरहक बात कहिआ-कहिआसँ एहिमे संचित रहैत अछि जकर उपयोग हमसभ सुविधानुसार करैत रहैत छी । क्रोध,प्रेम,घृणा,दया आद तरह-तरहक भावना मनुक्खक मोनमे सुसुप्त रहैत अछि आओर मौका पाबि कए सक्रिय भए जाइत अछि । किओ व्यक्ति जन्मजात क्रोधी,प्रतिशोधी,मतलबी होइछ । तँ किओ स्वभावसँ उपकारी,दानी आ उदार एकरा की कहबै? मनुक्खक मोनमे कतेको जन्मसँ संचित कर्म ओकर संस्कारक रुपमे समय-समयपर स्वतः प्रकटभए ओकर स्वभावक रुप दैत अछि । कहक माने जे, जे किछु हम अहाँ कए रहल छी तकर फलाफल एहि जन्ममे तँ भेटिते अछि,बादोमे, आनो जन्ममे हमरसभक पछोड़ करैत अछि । सही मानेमे मोन अनंत अछि ।
मनुक्खक मोनमे परमात्माक बास अछि। ओ जे सोचत से भए कए रहत,बसर्ते ओ आधा,अधूरा प्रयास कए रस्तासँ घुरि नहि जाथि। लक्षकेँ प्राप्त हेबा कालधरि अपन प्रयासमे लागल रहथि । मार्गक कष्टसँ व्यथित भए प्रयासकेँ शिथिल नहि करथि । कोनो सबाल नहि अछि जे ओ  अपन निर्धारित लक्षयकेँ नहि प्राप्त कए सकथि। मुदा ताहि हेतु चाही धैर्य,ताहि हेतु चाही अनथक प्रयास । जे किओ से केलाह अछि सएह सही मानेमे सफल भेलाह अछि ।






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