यमलोकक दलबदलू
ओहि दिन यमलोकमे
जबरदस्त गहमा गहमी छल।भेल ई जे मृत्यु लोक सँ हालमे आएल बहुत रास लोक ओतए पहुँचलाक
बाद जनतंत्र बहालीक मांग पर अडि गेल रहए। नित्य प्रतिक हंगामा सँ तंग भए यमराज यमलोकक
नव संबिधानक हेतु अध्यादेश जारी केलाह । तकर
बाद मृत्यु लोकक तर्जपर चुनावक कार्यवाही प्रारंभ भेल।
जनप्रतिनिधि बनब कतेक कठिन बात थीक से भुक्तभोगिये कहि
सकैत छथि। यद्यपि सत्तारूढ़ दलसँ लऽ कऽ विपक्षी धरिक सभ व्यक्ति अपन-अपन
राष्ट्रप्रेम ओ सेवाक प्रति समर्पणक भावनाक चर्च करैत-करैत अपसियाँत रहैत छथि मुदा
असलमे जे वो करैत छथि से जगजाहिर अछि। यैह सभ गप्प हम ओहि दिन सोचैत रही कि
अखबारमे प्रतिनिधि सभा चुनावक समाचार निकललैक।
अखबारक समाचार देखिते एकबेर हमरा जेना करेन्ट जकाँ
लागि गेल। कोना ने लागए। भुनेसरा देखिते-देखिते भुनेश्वर बाबू भए गेल..! बेटा डोनेशन दऽ कऽ
मेडिकलक पढ़ाइ प्रारम्भ केने छल। स्कूलमे यश छलैक। माय मरि गेल रहैक तँ सौंसे गामक
लोककेँ पुरी-जिलेबीक भोज खुओने छल। क्यो कनिको संकोच नहि केलखिन। सभठाम
पुरी-जिलेबीक शोर, लहरि जकाँ लहरल। आखिर ई सभ कोना भेलैक?
असलमे जहियासँ चुनावक सिलसिला अयलैक तहियासँ कतेक घर
बसि गेल। कतेको बेरोजगार सभ रातिये-राति पाइबला भए गेल ।इएह कारण थिक जे आब लोक
जहाँ चुनावक हल्ला सुनैत अछि आकि टिकट लेबक हेतु एड़ी-चोटीक पसेना एक कऽ दैत अछि।
प्रतिनिधि सभाक चुनाव भेला एक मास भेल छलैक। कोनो
पार्टीक स्पष्ट बहुमत नहि आयल छलैक। प्रधान बनय लेल बेस घमरथन भए रहल छलैक। यद्यपि
पार्टी सभहक संख्या तँ ९ टा छल मुदा मूलत: तीनटा दलक सदस्य बेसी छलाह- कृषकदल, राष्ट्रवादी दल ओ
जनवादी दल।
नव निर्वाचित सदस्यमे सँ कमसँ कम पचासटा सदस्य एहन
छलाहजे कमसँ कम पाँच-सात बेर पार्टी बदलि चूकल छलाह। प्रतिनिधि सभामे कोनो दलकेँ
स्पष्ट बहुमत नहि भेटलासँ हिनका सभहक लेल स्वर्णिम अवसर छलनि। नवका जनप्रतिनिधि सभ
अपन-अपन भविष्य सुधारबाक हेतु बेस उत्सुक छलाह।
प्रमुख महोदयकेँ से बेस परेशानी छलनि। हुनका तीनू दलक
नेता बेरा-बेरीसँ अपन-अपन समर्थनमे आधासँ अधिक सदस्यक सूची प्रस्तुत केने छलाह।
तीनू सूचीमे पचासटा सिद्धहस्त दल बदलू आ पचीसटा नवका जनप्रतिनिधि केर नाम सामिल
छल। प्रमुख महोदय भूतपूर्व इमानदार छलाह। मुदा जनताक हिसाब देखि कए रंग बदलि लेने
छलाह। ओहो मामला नीकसँ बुझि रहल छलखिन। आखिर इमानदारीसँ होइते की छैक? नून रोटी चलि सकैत
अछि। घरवाली कहथिन जे कहि नहि कोन करम केलहुँ जे अहाँक संग भेल।
जहियासँ प्रमुख महोदय अपन चालि-ढालि बदललाह तहियासँ
दुनियाँ दोसर भए गेलनि। जेम्हरे देखू तेम्हरे लक्ष्मीक दर्शन। ई मौका हुनका हेतु
स्वर्णिम अवसर छल। जनसेवाक व्रतधारी लोकनिक प्रथम अवतार भए रहल छल। प्रमुखजी तीनू
नेतासँ गप्प-सप्प करबाक हेतु तिथि निर्धारित कए सूचित कए देलखिन आ अपने भूमिगत भए गेलाह।
जनवादी दलक नेता रातिक बारह बजे प्रमुखजीक पत्नीसँ
भेँट करए गेलाह। दोसर-तेसर ओहिठाम क्यो नहि छल। सूटकेशसँ नोटक सभ गड्डी निकालि
धराधर टेबुलपर राखि देलखिन।
“ई थिक पुतोहुक मुँह देखाइ
।”
फेर गप्प-सप आगा बढ़ल कहए लगलखिन-
“जे राजनीतिक हाल-चाल
तँ अहाँकेँ बूझले अछि। कृषकदल ओ राष्ट्रवादी दलक नेता सभ हमर पक्षक जनप्रतिनिधि
सभकेँ फोरि रहल छथि। अहाँ प्रमुखजीकेँ हमर सिफारिश कए हमरा न्याय दिआउ।”
प्रमुखजीक धर्म पत्नीजीकेँ तीनू लोक सुझि रहल छलनि, मुदा तैयो बजलीह-
“अवश्य कहबनि। अहाँसँ बेसी
योग्य, कर्मठ ओ इमानदार के भए सकैत अछि। प्रधानक पद तँ
अहींकेँ भेटबाक चाही।”
जनवादी नेता सहर्ष ओहिठामसँ विदा भेलाह। मुदा ओ
समस्याक अन्त नहि छल। आखिर मास दिनक बादे सही, प्रतिनिधि सभाक सामना
तँ करैक छलनि। तेँ कमसँ कम पचासटा आर जनप्रतिनिधि के अपनामे मिलायब जरूरी छलनि।
राता-राती ओ अपन विश्वासपात्र जनवादी नेताक सचिवक
ओहिठाम पहुँचलाह। ओमहर कृषक दल ओ राष्ट्रवादी दलक लोक सभ सेहो बैसल नहि छलाह।
राति भरि हुड़दंग होइत रहल। असलमे बीस-पच्चीसटा जनप्रतिनिधि
कै गोटेसँ टाका लए लेने छलाह। तीनू नेता सोचथि जे ओ सभ हमरा संगे छथि मुदा असलमे
वो सभ ककरो संगे रहथि नहि। ओ सभ चुनावमे खर्च भेल अपन पूँजी ऊपर करबाक हेतु
अपसियाँत छलाह। मुदा प्रमुखजी सेहो आब घवरायल छलाह आ जनप्रतिनिधि लोकनिकेँ साफ
कहलखिन-
“जँ अहाँ लोकनि स्पष्ट
स्थिति नहि उत्पन्न करब तँ हम यमलोक प्रतिनिधि सभाकेँ भंग करबा देब।”
ई बात सुनि नवका जनप्रतिनिधि सभहक मनमे हड़बड़ी मचि
गेल। ओ सभ गोटे जनवादी दलकेँ अपन समर्थन देबाक निर्णय प्रमुख महोदयकेँ अवगत करा
देलखिन।
प्रात:काल जनवादी दलक नेता मंगनू बाबूकेँ प्रधान पदक
हेतु सपथ कराओल गेल।
प्रात:काल सपथ ग्रहण समारोह प्रारम्भ भेल। मनोनीत प्रधानजी
अपन जेबीमे सँ एकटा चिट निकालि कए अपन पी.ए.केँ देलखिन्ह। पी.ए. साहेब ओहि कागजकेँ
प्रमुखक आप्त सचिवकेँ दय देलखिन।
ओम्हर जनप्रतिनिधि लोकनि मंत्री पद प्राप्तिक
संभावनासँ अपसियाँत छलाह। किछुए कालमे घोषणा प्रारम्भ भेल। नवीन मंत्रीमण्डलमे तीस
गोट कैबीनेट, बीसटा राज्यमंत्री ओ बीसटा उपमंत्रीक नामक घोषणा कएल
गेल। एवम्-प्रकारेण प्रतिनिधि सभाक एक
तिहाइ सदस्य मंत्री बनि रहल छलाह। शेष सदस्यमे सँ सत्तापक्षक समर्थक जनप्रतिनिधिकेँ
कोनो-ने-कोने पद अवश्य देबाक स्पष्ट आभास भेटि गेल छलनि। प्रमुख निकेतन खचाखच भरल
छल। सपथ ग्रहण समाप्त होमय पर छल कि सत्तापक्षक एकटा जनप्रतिनिधि गरजि उठला-
“मंत्री पदक हेतु
चयनमे पक्षपात कएल गेल अछि! आदि-आदि...।”
प्रधानजी
मुड़ी उठेलाह आ इशारासँ किछु कहलखिन।
प्रधान विक्षुब्ध जनप्रतिनिधि सभक गुप्त बैठक कए रहल
छलाह। रात्रिमे बारह बजे मीटिंग शुरू भेल से प्रात: छह बजेमे सम्पन्न भेल। बैठकमे
पचासटा जनप्रतिनिधि छलाह जे कहैत गेलाह जे जौं अहाँ अपन बात नहि राखब तँ हमहूँ सभ
अपन बात बदलबाक हेतु मजबूर भए जायब।
हारि कऽ प्रधानजी ओहिमे सँ पन्द्रह गोटेकेँ विभिन्न
कैबिनेट मंत्रीक दर्जा संगे अपन-अपन जिलाक प्रशासनिक मुखिया सेहो बनाओल गेल। सभा
विसर्जित भेल।
ओमहर कृषक दल आ राष्ट्रवादी दलक नेता जनवादी दलक
नेताकेँ प्रधान पदक सपथ केर विरोधमे राज्यव्यापी हड़ताल कए देलन्हि। कानून/ व्यवस्थाक गम्भीर
समस्या उत्पन्न भए गेल। असलमे दुनू नेताकेँ प्रधान पद छुटि जयबाक आक्रोश तँ
छलनिहे। सभसँ बेसी कष्टक गप्प छल जे हुनका लोकनिकेँ गम्भीर आर्थिक क्षतिसँ सामना करए
पड़ल छलनि। पचासो जनप्रतिनिधि तीनू नेतासँ यथेष्ट पाई टानि लेने छलाह। प्रधानकेँ
अपन कुर्सी बचायब पराभव भए रहल छलनि। प्रमुखक खिलाफ दुनू विरोधी दल यमलोक भरिमे
गम्भीर हड़ताल कए देने छलैक। स्थिति सम्हरने नहि सम्हरि रहल छलैक। अन्ततोगत्वा प्रधानजी
विरोधी दलक नेता सभसँ गोपनीय बैसार करबाक निर्णय केलनि।
दोसर दिन विरोधी नेतासभ एक-एक कऽ प्रधानजीसँ फराक-फराक
भेँट करए लगलाह। पाँचटा छोट-मोट नेताकेँ शान्त केलनि। मुदा कृषक दल ओ राष्ट्रीय
दलक नेता किछु सुनबाक हेतु तैयार नहि छलाह।
अन्ततोगत्वा प्रधानजी कृषक दलक नेताकेँ विपक्षक नेता
बनयबाक घोषणा केलनि। हुनको कैबिनेट मंत्रीक दर्जा देल गेल। संगहि राष्ट्रवादी दलक
नेताकेँ प्रतिनिधि सभाक उप-सभापति बनयबाक निर्णय
कएल गेल। दुनू नेताकेँ पॉंच-पाँच कड़ोर रूपया अपन-अपन जिलाक बिकासक नामपर खर्च
करबाक अधिकार देल गेल।
एवम्-प्रकारेण मंत्रीमण्डलक कृयाकलाप प्रारम्भ भेल। प्रमुख
महोदय सहित जनप्रतिनिधि लोकनिके हरियरी आबि गेल । प्रतिनिधि सभाक अधिवेशन प्रारम्भ भेल। कतेको नव गोटे एहि
बेरक अधिवेशनमे देखबामे आबि रहल छल। सदस्य सभकेँ सपथ दिआवोल गेल आ तकर बाद प्रमुख
महोदयक भाषण भेल। यमलोकक अगिला वर्षक बजट केर प्रस्ताव प्रस्तुत कएल गेल। एतवा
कार्यक्रम भेल छल कि विपक्षी नेता सभ वर्तमानमंत्री मण्डलमे अपन अविश्वास प्रस्ताव
प्रस्तुत केलनि। प्रतिनिधिसभामे जबरदस्त हंगामा होमय लागल। हंगामा नियंत्रणसँ बाहर
भए गेल आ अध्यक्षकेँ प्रतिनिधिसभाक कार्यवाही स्थगित कए देबय पड़ल।
ओमहर विपक्षक नेता अपन चेला-चाटीक संगे सभाअध्यक्षक
निर्णायक विरूद्ध प्रतिनिधिसभासँ वहिगर्मन कए देल।
यमलोकक राजनीतिक स्थिति कहुना ठहरिये ने रहल छल। प्रधानजी
परेशान छलाह। प्रतिपक्षक नेता सभ यमलोकमे हड़तालक आह्वान कए देने छलाह। मुदा प्रधानजी
कोनो कीमतपर कुर्सी छोड़बाक हेतु तैयार नहि छलाह। दोसर दिन प्रतिनिधि सभाक सत्र फेर प्रारम्भ भेल आ सत्ता पक्ष ओ
प्रतिपक्षक नेता एवम् सदस्य लोकनि हंगामा करएपर अडल छलाह। प्रधानजी जतबोकेँ मंत्री
बना सकलाह ततबो लोक गड़बड़ी नहि करताह तकर कोनो ठेकान नहि छल। शेष लोकनिक कहब
मुश्किल।
ओहि दिन सेहो प्रतिनिधि
सभाक बैठक स्थगित भए गेल। एवम्-प्रकारेण प्रधानजी
पाँच-साट दिन काटि लेलाह। ताधरि अनेको उद्योगसँ मंत्रीमण्डलक गठनमेजे आर्थिक दबाब पड़लनिसे
आपस भए गेल छलनि। विपक्षक सदस्य सभ प्रमुखजीकेँ विज्ञापन-पर-विज्ञापन दैत छलाह जे प्रतिनिधि
सभाक अधिवेशन शीघ्र बजाओल जाय।
अन्ततोगत्वा प्रमुखजी प्रधानजीकेँ बजा कऽ साफ कहलखिन जे अहाँ सात दिनक भीतर प्रतिनिधिसभामे
अपन बहुमत सिद्ध करू अन्यथा अहाँक कुर्सी चलि जायत।
प्रधानजी अपसियाँत छलाह। नवका जनप्रतिनिधि-क गुटक कोनो
भरोस नहि छलनि। मुदा झख मारि कऽ प्रतिनिधिसभामे विश्वास प्रस्ताव रखलाह। निर्णय
भेल जे काल्हि एहिपर मतदान होएत। विपक्षक सदस्य सभ हर्षसँ थपड़ी पीटए लगलाह।
राति भरि क्यो जनप्रतिनिधि सुतल नहि। प्रात:काल दस बजे
प्रतिनिधि सभाक बैठक प्रारम्भ भेल। सभाअध्यक्ष
महोदय आशनपर विराजमान भेलाह। मत विभाजनक घन्टी बाजल। गुप्त मतदानक व्यवस्था छल।
आधासँ अधिक सदस्य प्रधानक विरोधमे मतदान कए देलाह। सभाअध्यक्ष एहि निर्णयक घोषणा कए
देल। प्रधान दल बदलक गम्भीर शिकार भए गेल छलाह। मुदा ई सभ कोना भेल से नहि कहल जा
सकैत अछि।
प्रधानजी अपन त्याग पत्र प्रमुखजीकेँ दय देलखिन। मास
दिनक भीतर एकबेर फेर नवीन मंत्रीमण्डलक गठनक तैयारी जोर-सोरसँ प्रारम्भ भेल। मुदा
आब जनप्रतिनिधि सभ सेहो चितिंत छलाह। प्रतिनिधि सभाभंग होयबाक समाचार जोर-सोरसँ
चारूकात पसरि गेल छल। प्रमुखजी सेहो सख्त रूखि अपनौने छलाह। तेँ हेतु सभक मत भए
गेल छलैक जे एकटा ठोस मंत्रीमण्डल बनाओल जाय।
राष्ट्रवादी ओ कृषक दलक नेता आपसमे बन्द कोठरीमे बैसार
केलाह। तय ई भेल जे कृषक दलक नेता प्रधान बनताह। मंत्रीमण्डलमे दूटा उपप्रधान
हेताह। एकटा उपप्रधान राष्ट्रवादी दलक हेताह आ दोसरनव जनप्रतिनिधि गुटक नेता...। येन-केन
प्रकारेण नव मंत्रीमण्डलक गठन भेल। जनप्रतिनिधि लोकनि आश्वस्त भेलाह जे जनसेवाक आब
नीक अवसर हुनका सभहक हाथसँ नहि सरकतनि। प्रतिनिधि सभामे एहि मंत्रीमण्डलकेँ विश्वास सेहो प्राप्त भए
गेलैक। किछु दिन दोबारा यमलोकमे अमन चैन स्थापित भए गेल।
आखिर यमलोकमे जनतंत्र
बहाल भए गेल।